CUET Exam Date: जुलाई के पहले हफ्ते में परीक्षा, 12वीं का नंबर अब नहीं होगा ग्रेजुएशन में एडमिशन का आधार
By विनीत कुमार | Published: March 22, 2022 11:02 AM2022-03-22T11:02:31+5:302022-03-22T11:02:55+5:30
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अब ग्रेजुएशन कोर्स के लिए CUET का स्कोर आधार माना जाएगा। ऐसे में 12वीं के नंबर का असर अब एडमिशन पर नहीं पड़ेगा। CUET की पहली परीक्षा इस साल जुलाई में होगी।
नई दिल्ली: देश की सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्स में प्रवेश के लिए पहली प्रवेश परीक्षा (CUET) इस साल जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी। यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने सोमवार को इसकी घोषणा की। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेन्स टेस्ट (CUET) कंप्यूटर आधारित परीक्षा होगी और इसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित कराएगी। इस परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया अप्रैल के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगी।
CUET परीक्षा क्या है, कैसे होगा एडमिशन?
दरअसल, इस नई व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर ही छात्रों का दाखिला केंद्रीय विश्वविद्यालयों में होगा। इसका मायने ये हुए कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के पात्रता मानदंडों को छोड़कर छात्रों के दाखिले में 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का अब कोई असर नहीं पड़ेगा। विश्वविद्यालय परीक्षा के लिए बोर्ड के नंबर को पात्रता मानदंड के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
सीयूईटी के बाद प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय एनटीए द्वारा तैयार की गई योग्यता सूची के आधार पर छात्रों को प्रवेश देगा।
दूसरे शब्दों में कहें तो CUET के लागू होने से दिल्ली विश्वविद्यालय में उंचे-उंचे कट-ऑफ की कहानी अब इतिहास बन कर रह जाएगी। इस संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल की आज एक बैठक भी है जिसमें CUET को लागू करने को लेकर चर्चा होनी है।
देश में दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि कुछ प्रसिद्ध केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जहां CUET के जरिए एडमिशन हो सकेंगे।
CUET परीक्षा का फॉर्मेट क्या होगा?
एम जगदीश कुमार के अनुसार सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा। सीयूईटी में सेक्शन-1ए, सेक्शन-1बी, समान्य परीक्षा और पाठ्यक्रम-विशिष्ट विषय होंगे। सेक्शन-1ए अनिवार्य होगा, जोकि 13 भाषाओं में होगा और उम्मीदवार इनमें से अपनी पसंद की भाषा का चयन कर सकते हैं।
छात्रों के पास अंग्रेजी, हिंदी, असमी, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू का विकल्प रहेगा। यूजीसी अध्यक्ष के अनुसार सीयूईटी का विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीति पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सीयूईटी के बाद किसी भी केंद्रीय काउंसलिंग का आयोजन नहीं होगा। CUET लिखित परीक्षा दो पाली में आयोजित होगी।