सीएसई ने शहद में मिलावट के कारोबार की जांच का ब्यौरा एसएसएआई को सौंपा
By भाषा | Updated: December 4, 2020 20:37 IST2020-12-04T20:37:51+5:302020-12-04T20:37:51+5:30

सीएसई ने शहद में मिलावट के कारोबार की जांच का ब्यौरा एसएसएआई को सौंपा
नयी दिल्ली, चार दिसंबर पर्यावरण पर नजर रखने वाले निकाय सीएसई ने शुक्रवार को कहा कि उसने शहद में मिलावट के ‘सु-संगठित’ कारोबार की जांच का ब्यौरा भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एसएसएआई) को सौंप दिया है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने बुधवार को देश में प्रमुख कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले शहद में मिलावट की सूचना दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि सभी भारतीय मानकों को पूरा करने के संबंध इन कंपनियों द्वारा किए गए दावे शब्दों की ‘बाजीगरी’ और "सीमित मूल्य" वाले हैं
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने जोर दिया कि जांच से पता चला कि शहद में मिलावट का कारोबार परिष्कृत था तथा इसे इस प्रकार डिजायन किया गया था कि एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित शुद्धता एवं गुणवत्ता मानकों से बचा जा सके।
सीएसई ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उसने एफएसएसएआई के अधिकारियों को जांच का ब्यौरा सौंप दिया है। इसमें जिसमें कदम-दर-चरण घटनाक्रम शामिल हैं जिसमें खाद्य मिलावट का मामला प्रकाश में आया। इन अधिकारियों में एफएसएसएआई अध्यक्ष रीता तेवतिया और सीईओ अरुण सिंघल शामिल हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘ सीएसई ने यह भी दिखाया कि किस प्रकार चीनी कंपनियां अपनी वेबसाइट पर मानकों को दरकिनार करने के लिए खुले आम का विज्ञापन कर रही थीं; कैसे इसने इन कंपनियों से संपर्क किया था और कैसे इसने नमूना हासिल किया था।"
पर्यावरण निकाय ने कहा कि एफएसएसएआई के अधिकारियों ने उन विशिष्ट नामों के बारे में सवाल किया जिनके तहत मिलावट करने वाले पदार्थों का भारत में आयात किया जा रहा था।
सीएसई ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन व्यापार पोर्टलों पर, चीनी कंपनियां (वही कंपनियां जो भारत को निर्यात कर रही थीं) प्रमुख शब्दों के रूप में 'फ्रुक्टोज' और 'ग्लूकोज' का उपयोग कर रही थीं।
निकाय ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में ‘फ्रुक्टोज’ और ‘ग्लूकोज’ भारत में आयात (11,000 टन) किए जा रहे हैं तथा इसका ज्यादातर आयात चीन से हुआ है।
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