मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के कारण कौओं पर मंडरा रहा सबसे बड़ा खतरा

By भाषा | Published: January 10, 2021 03:20 PM2021-01-10T15:20:12+5:302021-01-10T15:20:12+5:30

Crows are the biggest threat to Madhya Pradesh due to bird flu | मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के कारण कौओं पर मंडरा रहा सबसे बड़ा खतरा

मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू के कारण कौओं पर मंडरा रहा सबसे बड़ा खतरा

(हर्षवर्धन प्रकाश)

इंदौर, 10 जनवरी मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू का प्रकोप कौओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है और पखवाड़े भर के भीतर राज्य में इस प्रजाति के करीब 700 पक्षी मरे पाए गए हैं। राज्य के पशुपालन विभाग के एक आला अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

विशेषज्ञों का मानना है कि मरे पक्षियों का मांस खाने और समूह में रहने की प्रवृत्ति कौओं को बर्ड फ्लू का अपेक्षाकृत तेजी से शिकार बना रही है।

राज्य के पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. आर के रोकड़े ने पीटीआई-भाषा से कहा, "प्रदेश में 26 दिसंबर से लेकर अब तक अलग-अलग जिलों में कुल मिलाकर करीब 700 कौए मृत पाए गए हैं। अब तक मिली जांच रिपोर्टों से स्पष्ट है कि बर्ड फ्लू के वायरस से अन्य पक्षी प्रजातियों के मुकाबले कौए ज्यादा संक्रमित हुए हैं।"

रोकड़े ने बताया कि इंदौर, मंदसौर और आगर मालवा राज्य के उन जिलों में शामिल हैं जहां पखवाड़े भर के भीतर बड़ी तादाद में कौए मरे पाए गए हैं।

उन्होंने यह भी कहा, "माना जा रहा है कि बर्ड फ्लू का वायरस प्रवासी पक्षियों के जरिये भारत में आया है। हमने राज्य के कुछ स्थानों से इन मेहमान परिदों की बीट के नमूने लेकर बर्ड फ्लू की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं और इनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।"

राज्य सरकार के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बर्ड फ्लू के प्रकोप के बीच राज्य में पिछले 15 दिनों के भीतर कौओं के साथ ही कुछ संख्या में बगुले, कबूतर, कोयल और अन्य घरेलू प्रजातियों के कुल 1,100 पक्षी मृत मिले हैं। मुर्गे-मुर्गियों में भी इस संक्रामक बीमारी का वायरस मिला है।

अधिकारी ने बताया कि राज्य में बर्ड फ्लू की आहट गत 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में मरे पाए गए कौओं में इस रोग का वायरस मिलने की आधिकारिक पुष्टि की गई थी।

इस बीच, पक्षी विशेषज्ञ अजय गड़ीकर ने भी कहा कि राज्य में बर्ड फ्लू का खतरा कौओं पर सबसे ज्यादा है।

उन्होंने कहा, "कौआ, पक्षियों की उन प्रजातियों में शामिल है जो मरे परिंदों और अन्य मृत प्राणियों का मांस खाते हैं। लगता है कि बर्ड फ्लू का वायरस किसी प्रवासी पक्षी के जरिये मध्य प्रदेश में आया और संक्रमित परिंदे की मौत के बाद इसे कौए ने खा लिया। नतीजतन कौओं में भी इस बीमारी का वायरस आ गया।"

गड़ीकर ने कहा, "चूंकि कौए समूह में रहते हैं। इसलिए उनमें बर्ड फ्लू का वायरस तेजी से फैलता चला गया।"

उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू से ‘बार हेडेड गीज’ नाम के प्रवासी परिंदों की बड़ी तादाद में मौत हुई है और ठंड के इस मौसम में मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, शिवपुरी, राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य तथा अन्य स्थानों पर भी ये मेहमान परिंदे देखे जा सकते हैं।

उन्होंने सुझाया कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए मध्य प्रदेश सरकार को ‘बार हेडेड गीज’ पर खास निगरानी रखनी चाहिए और इनके ज्यादा से ज्यादा नमूनों की जांच की जानी चाहिए।

गड़ीकर ने बताया कि ‘बार हेडेड गीज’ ठंड के मौसम में चीन, मंगोलिया और तिब्बत की ओर से भारत आते हैं तथा अलग-अलग राज्यों के जलस्रोतों के पास डेरा डालते हैं।

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Web Title: Crows are the biggest threat to Madhya Pradesh due to bird flu

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