वाम दलों की स्थिति इतनी गंभीर कभी नहीं थी, परंपरागत जनाधार को करना होगा मजबूत: CPI

By भाषा | Updated: July 22, 2019 16:49 IST2019-07-22T16:49:02+5:302019-07-22T16:49:02+5:30

CPI says left parties facing the worst condition ever in indian politics, we need to consolidate our traditional votebank | वाम दलों की स्थिति इतनी गंभीर कभी नहीं थी, परंपरागत जनाधार को करना होगा मजबूत: CPI

वाम दलों की स्थिति इतनी गंभीर कभी नहीं थी, परंपरागत जनाधार को करना होगा मजबूत: CPI

Highlightsभाकपा ने कहा, “पहले कभी दो प्रतिशत से ज्यादा का अंतर नहीं रहा।चुनावों में हार-जीत सामान्य बात है लेकिन हम बड़े पैमाने पर अपने मत प्रतिशत के खिसकने से स्तब्ध हैं।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने माना है कि वाम दलों का, पश्चिम बंगाल और केरल में वोटबैंक ‘घट’ रहा है और इस ‘खोई जमीन’ को फिर से हासिल करना एक चुनौती है। रविवार को खत्म हुई पार्टी की तीन दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में भाकपा ने कहा कि राजनीतिक रूप से वाम दलों के लिये स्थिति कभी इतनी गंभीर नहीं थी।

लोकसभा में अभी स्वतंत्रता के बाद से वामदलों का सबसे कम प्रतिनिधित्व है। 2019 के लोकसभा चुनावों में माकपा ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी तो वहीं भाकपा के खाते में महज दो सीटें हैं। भाकपा ने कहा, “यह हमारी पार्टी के सामने अभूतपूर्व चुनौती है। वाम कार्यकर्ता निराश और नाखुश हैं।

चुनावों में हार-जीत सामान्य बात है लेकिन हम बड़े पैमाने पर अपने मत प्रतिशत के खिसकने से स्तब्ध हैं।” पार्टी के मुताबिक, “यह खतरनाक है। यह बंगाल में 25 फीसद से घटकर सात प्रतिशत रह गया। केरल में यूडीएफ के खाते में 47 फीसद मत आए जबकि एलडीएफ को 35 प्रतिशत मतों से संतोष करना पड़ा।”

भाकपा ने कहा, “पहले कभी दो प्रतिशत से ज्यादा का अंतर नहीं रहा। हमें आत्मावलोकन करने की जरूरत है कि जहां हमारा मजबूत आधार था वहां कैसे बड़े पैमाने पर हमें नुकसान हुआ। पश्चिम बंगाल में ऐसा कहीं ज्यादा है। यह बड़ी चुनौती है। हमें इसका सामना कर इससे पार पाना होगा।”

पार्टी ने विपक्षी दलों की भी आलोचना की और कहा कि नेताओं और दलों के “संकीर्ण हितों” की वजह से वे एकजुट नहीं हो पाए।

Web Title: CPI says left parties facing the worst condition ever in indian politics, we need to consolidate our traditional votebank