कथित डेटा उल्लंघन पर बोले सरकारी सूत्र- CoWIN जन्म तिथि, पता एकत्र नहीं करता है
By मनाली रस्तोगी | Published: June 12, 2023 04:03 PM2023-06-12T16:03:56+5:302023-06-12T16:17:07+5:30
कोविड-19 टीकाकरण पंजीकरण पोर्टल कोविन किसी व्यक्ति का कोई व्यक्तिगत विवरण एकत्र नहीं करता है, जिसमें जन्म तिथि और पता शामिल है।
नई दिल्ली: कोविड-19 टीकाकरण पंजीकरण पोर्टल कोविन किसी व्यक्ति का कोई व्यक्तिगत विवरण एकत्र नहीं करता है, जिसमें जन्म तिथि और पता शामिल है। इंडिया टुडे के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी साझा की।
यह मामला तब सामने आया जब विपक्षी नेताओं ने कोविन पोर्टल को लेकर प्रमुख गोपनीयता उल्लंघन का दावा किया, जिसमें टीकाकरण किए गए लोगों के व्यक्तिगत विवरण, उनके मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर, मतदाता पहचान पत्र और परिवार के सदस्यों के विवरण लीक हो गए और पोर्टल पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध थे।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि पोर्टल केवल उस तारीख को एकत्र करता है जब व्यक्ति को या तो एक खुराक या दो खुराक या दो खुराक और एहतियाती खुराक दी गई हो। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता साकेत गोखले ने एक बेहद सनसनीखेज दावा करते हुए आरोप लगाया कि भारत में कोरोना से सुरक्षा के लिए लगाए गए टीकाकरण में लिये गये कई नेताओं और पत्रकारों की व्यक्तिगत जानकारी लीक हो गई है।
टीएमसी नेता गोखले ने सोमवार को इस बात का खुलासा करते हुए इस बात पर चिंता और हैरानी जताते केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से सवाल किया कि क्या कोविड वैक्सीन लेने वाले राजनेताओं और पत्रकारों सहित कई नागरिकों का डेटा लीक होने की जानकारी सरकार को क्यों नहीं है।
साकेत गोखले ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स किये। तृणमूल नेता गोखले ने कहा, "यह बेहद चौंकाने वाला है, मोदी सरकार का एक बड़ा डेटा उल्लंघन हुआ है, जहां सभी टीकाकृत भारतीयों के मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर, मतदाता सहित व्यक्तिगत विवरण आईडी, परिवार के सदस्यों का विवरण आदि लीक हो गया है और सारी जानकारी स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।"
उन्होंने राज्यसभा सांसद और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ'ब्रायन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश और के सी वेणुगोपाल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सहित राज्यसभा के कई सांसदों और विपक्षी सांसदों के डेटा उल्लंघन का उदाहरण दिया। इसमें सुष्मिता देव, अभिषेक मनु सिंघवी और संजय राउत सहित कई अन्य सांसद हैं।
इसके अलावा गोखने ने उन पत्रकारों के नाम का भी उल्लेख किया, जिनकी व्यक्तिगत जानकारी के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसमें उन्होंने विसेषतौर पर इंडिया टुडे समूह से जुड़े पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मोजो स्टोरी की बरखा दत्त, द न्यूज मिनट की धन्या राजेंद्रन और टाइम्स नाउ के राहुल शिवशंकर सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों का नाम सार्वजिनिक तौर पर लिया है, जिनके डेटा में सेंध लगाई गई है।
There are several Opposition leaders which include:
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) June 12, 2023
1. Rajya Sabha MP & TMC Leader Derek O'Brien
2. Former Union Minister P. Chidambaram
3. Congress leaders Jairam Ramesh & K.C. Venugopal@derekobrienmp@PChidambaram_IN@Jairam_Ramesh@kcvenugopalmp
(2/7) pic.twitter.com/JnD5EKhPBO
उन्होंने कहा, "कोविड-19 से बचाव के लिए टीका लगवाने वाले नेताओं, पत्रकारों समेत प्रत्येक भारतीय का व्यक्तिगत विवरण इस लीक हुए डेटाबेस पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।"
इसके साथ गोखले ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "अब सवाल यह है कि जब मोदी सरकार दावा करती है कि वह 'मजबूत डेटा सुरक्षा' का पालन करती है तो भला किस तरह से लोगों के पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर आदि सहित व्यक्तिगत विवरण कैसे लीक हो गए? गृह मंत्रालय सहित मोदी सरकार क्यों नहीं इसका जवाब दे रहे हैं?"
इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल भी खड़ा किया है कि अगर सरकार डेटा लीक के बारे में जानती है तो उसने इस बात की सूचना क्यों नहीं सार्वजनिक की कि कोरोना वैक्सिन के लिए दर्ज किए गए भारतीयों के डेटा के साथ छेड़छाड़ हुई है। यह बेहद गंभीर विषय है और मोदी सरकार के इस विषय में सारी जानकारी को पब्लिक में करनी चाहिए कि आकिर मोदी सरकार ने भारतीयों के आधार और पासपोर्ट नंबर सहित अन्य कई व्यक्तिगत डेटा किसे सुरक्षा को दी, जिसने इसे लीक किया?
तृणमूल नेता ने कहा कि यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है और पब्लिक डेटा के प्रभारी मंत्री अश्विनी वैष्णव, जो रेलवे के अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स, संचार और आईटी विभागों के मंत्री हैं। उनकी सीधे तौर पर जिम्मेदारी बनती है। आखिर प्रधानमंत्री मोदी अश्विनी वैष्णव की अक्षमता को कब तक नजरअंदाज करेंगे?