न्यायालय ने ईडी निदेशक के तौर पर मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को बरकरार रखा

By भाषा | Updated: September 8, 2021 16:19 IST2021-09-08T16:19:05+5:302021-09-08T16:19:05+5:30

Court upholds extension of Mishra's tenure as ED director | न्यायालय ने ईडी निदेशक के तौर पर मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को बरकरार रखा

न्यायालय ने ईडी निदेशक के तौर पर मिश्रा के कार्यकाल विस्तार को बरकरार रखा

नयी दिल्ली, आठ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने संजय कुमार मिश्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक नियुक्त करने के 2018 के आदेश में पूर्व प्रभावी बदलाव को चुनौती देने वाली एक गैर सरकारी संगठन की याचिका बुधवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि जिन मामलों की जांच चल रही है उन्हें पूरा करने के लिए उचित सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

केंद्र के फैसले को बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि सेवानिवृत्ति की आयु में पहुंच चुके अधिकारियों के कार्यकाल में विस्तार दुर्लभ और अपवाद वाले मामलों में किया जाना चाहिए। न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि मिश्रा के कार्यकाल में और विस्तार नहीं किया जा सकता।

न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता कानून की धारा 25 के तहत गठित समिति द्वारा वजहों को दर्ज करने के बाद ही जिन मामलों की जांच चल रही है उन्हें पूरा करने के लिए उचित सेवा विस्तार दिया जा सकता है।

पीठ ने कहा, ‘‘सेवानिवृत्ति की आयु में पहुंचने के बाद ईडी के निदेशक पद पर बैठे व्यक्तियों के कार्यकाल में विस्तार कम अवधि के लिए किया जाना चाहिए। हम इस मामले में दूसरे प्रतिवादी के पद में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते क्योंकि कार्यकाल नवंबर 2021 में खत्म हो रहा है। हम यह स्पष्ट करते हैं कि दूसरे प्रतिवादी को और सेवा विस्तार नहीं दिया जाए।’’

गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के तौर पर मिश्रा के, 2018 के नियुक्ति आदेश में पूर्व प्रभावी बदलाव को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका पर केंद्र, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से जवाब मांगा था।

भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी मिश्रा को 19 नवंबर 2018 में एक आदेश जारी कर दो साल की अवधि के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया गया और बाद में 13 नवंबर 2020 को एक आदेश के जरिए केंद्र सरकार ने नियुक्ति पत्र में पूर्व प्रभावी बदलाव किया और उनके दो साल के कार्यकाल को बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया।

एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि मिश्रा को कोई सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता क्योंकि वह मई 2020 में 60 वर्ष के हो गए और ऐसे गैरकानूनी विस्तार का असर निदेशक कार्यालय की स्वतंत्रता को ‘‘नष्ट करने’’ पर हो सकता है। 13 नवंबर 2020 के कार्यालय आदेश को रद्द करने का अनुरोध करते हुए एनजीओ ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को पारदर्शी तरीके और केंद्रीय सतर्कता आयोग कानून, 2003 की धारा 25 को सख्ती से लागू करते हुए ईडी में निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।

सरकार के 2018 के आदेश में बदलाव करने और मिश्रा का कार्यकाल एक और साल तक बढ़ाने का फैसला करने के तुरंत बाद एनजीओ ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

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Web Title: Court upholds extension of Mishra's tenure as ED director

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