तीन दलितों की हत्या के मामले में चार दोषियों का मृत्युदंड अदालत ने बरकरार रखा

By भाषा | Published: December 3, 2019 05:58 AM2019-12-03T05:58:34+5:302019-12-03T05:58:34+5:30

पुलिस ने कहा था कि घारू और उसके साथियों को लड़की के परिवार ने 1 जनवरी 2013 को अपने सेप्टिक टैंक की सफाई के बहाने अपने घर पर बुलाया था।

Court upheld death sentence of four convicts in murder of three Dalits | तीन दलितों की हत्या के मामले में चार दोषियों का मृत्युदंड अदालत ने बरकरार रखा

तीन दलितों की हत्या के मामले में चार दोषियों का मृत्युदंड अदालत ने बरकरार रखा

Highlightsबंबई उच्च न्यायालय ने 2013 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अंतर-जातीय प्रेम संबंध को लेकर तीन दलित पुरुषों की हत्या के मामले में चार दोषियों के मृत्युदंड को बरकरार रखा।अदालत ने छह साल पुराने इस मामले में अन्य आरोपियों को बरी कर दिया।

बंबई उच्च न्यायालय ने 2013 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अंतर-जातीय प्रेम संबंध को लेकर तीन दलित पुरुषों की हत्या के मामले में चार दोषियों के मृत्युदंड को बरकरार रखा। अदालत ने छह साल पुराने इस मामले में अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। नासिक की एक सत्र अदालत ने जनवरी 2018 में छह लोगों रघुनाथ दारनदाले, रमेश दारनदाले, प्रकाश दारनदाले, गणेश उर्फ प्रवीण दारनदाले, अशोक नावगिरे और संदीप कुरहे को अहमदनगर जिले में हत्या के लिये मौत की सजा सुनाई थी।

उन्हें हत्या और आपराधिक षडयंत्र समेत विभिन्न आरोपों में दोषी पाया गया था। मृतकों की पहचान सचिन घारू (24), संदीप थांवर (25) और राहुल कंदारे (20) के रूप में हुई थी। सभी सफाईकर्मी थे। सभी छह आरोपियों ने खुद को दोषी ठहराए जाने और नासिक की अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था। दोषियों में से एक रघुनाथ दारनदाले की मामले की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी।

सोमवार को न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और बी पी शिंदे की पीठ ने रमेश दारनदाले, प्रकाश दारनदाले, गणेश उर्फ प्रवीण दारनदाले और संदीप कुरहे की मौत की सजा को बरकरार रखा। हालांकि अदालत ने अशोक नावगिरे (32) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। उसके वकील नितिन सत्पुते ने यह जानकारी दी। अदालत के आदेश का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं हो सका है। दरअसल एक जनवरी 2013 को महाराष्ट्र के पश्चिमी जिले अहमदनगर के सोनाई गांव में तीन दलितों की हत्या कर दी गई थी और उनके क्षत-विक्षत शव के टुकड़े एक सेप्टिक टैंक और एक कुएं में मिले थे।

पुलिस के अनुसार, हत्याओं का कारण सचिन घारू और मराठा समुदाय की एक लड़की के बीच अंतर-जातीय प्रेम संबंध था। हत्या के दोषी भी मराठा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पुलिस ने कहा था कि घारू और उसके साथियों को लड़की के परिवार ने 1 जनवरी 2013 को अपने सेप्टिक टैंक की सफाई के बहाने अपने घर पर बुलाया था। अगली शाम, पुलिस को घारू का क्षत-विक्षत शव टंकी से मिला था। थांवर और कंदारे के शव 3 जनवरी को गांव के एक कुएं से मिले थे। 

Web Title: Court upheld death sentence of four convicts in murder of three Dalits

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