कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिए न्यायालय हस्तक्षेप करे : अश्विनी कुमार
By भाषा | Published: April 16, 2021 08:28 PM2021-04-16T20:28:29+5:302021-04-16T20:28:29+5:30
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल भारत में शुक्रवार को कोविड-19 के करीब दो लाख नए मामले आने के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर परिस्थिति से निपटने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
कुमार ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को लिखे पत्र में सभी धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
उन्होंने लिखा, ‘‘ मानव जीवन पर खतरे की गंभीरता को देखते हुए इस अदालत की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों की जिंदगी की रक्षा और सुरक्षा करे। अदालत स्वत: संज्ञान लेकर केंद्र और राज्यों को राजनीतिक रैलियों, विरोध प्रदर्शनों, धार्मिक और अन्य उत्सवाों में 50 से अधिक लोगों के समागम पर स्थिति नियंत्रित होने तक प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी कर सकती है।’’
कुमार ने कोविड-19 टीके के निर्यात को प्रतिबंधित करने और संक्रमण के खिलाफ प्रभावी होने पर टीके का आयात करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
पूर्व कानून मंत्री ने कहा, ‘‘ अदालत स्वत: संज्ञान लेकर सभी आयु वर्गों के लोगों को जहां तक संभव हो टीका देने का निर्देश दे सकती है लेकिन खासतौर पर बुजुर्गों और कमजोर लोगों को।’’
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से मानव जीवन पर उत्पन्न असमान्य खतरे पर न्यायिक संज्ञान लेना चाहिए।
कुमार ने उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का हवाला देते हुए इसे संक्रमण फैलाने वाला करार दिया जहां पर करीब दो हजार लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
इसके अलावा उन्होंने कोविड-19 नियमों की कथित धज्जिया उड़ा चुनावी राज्यों में हो रही राजनीतक रैलियों का भी हवाला दिया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।