मामले दायर करने की सीमा बढ़ाने संबंधी स्वत: संज्ञान याचिका पर न्यायालय 16 सितंबर को सुनवाई करेगा
By भाषा | Published: September 9, 2021 09:55 PM2021-09-09T21:55:39+5:302021-09-09T21:55:39+5:30
नयी दिल्ली, नौ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को उस स्वत: संज्ञान मामले पर विचार करने के लिए 16 सितंबर की तारीख तय की जिसमें उसने कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न ‘‘खतरनाक स्थिति” के मद्देनजर वादियों द्वारा अदालतों या न्यायाधिकरणों से अपील दायर करने की समयसीमा 27 अप्रैल को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी थी।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीमा विस्तार के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान मामले को 16 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश तब जारी किया जब निर्वाचन आयोग की एक याचिका विचार के लिए आई थी।
निर्वाचन आयोग ने अपनी याचिका में असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने की समयसीमा तय करने की मांग करते हुए कहा है कि सीमा अवधि बढ़ाने के शीर्ष अदालत के निर्देश से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि वह आगामी चुनावों में ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के पुन: उपयोग का आदेश नहीं दे सकती है।
चुनाव इकाई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट मशीनें बिना इस्तेमाल के पड़ी हैं क्योंकि अगर छह राज्यों में विधानसभा चुनाव के संबंध में कोई चुनाव याचिका दायर की जाती है तो उन्हें सबूत के तौर पर संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि सीमा अवधि नहीं है।
उन्होंने कोविड संबंधी स्थिति में सुधार का जिक्र करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि अब आदेश (अनिश्चितकाल के लिए सीमा का विस्तार) को वापस लेने की जरूरत है।”
पीठ ने कहा, “हम सभी मामलों पर संज्ञान लेंगे।”
इस पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे।
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