नयी दिल्ली, सात अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (एलएनजेपी) की स्थिति खराब रहने का आरोप लगाने वाली एक याचिका पर बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने आशीष पांडेय नामक एक व्यक्ति की याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली सरकार को "अस्पताल के कामकाज में सुधार के लिए कदम उठाने" के निर्देश दिये। पांडेय एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती थे।
कथित खामियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए न्यायाधीश ने कहा, "सिर्फ इसलिए कि आप मीडिया पर आते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि यह काम कर रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब हम इसकी सुनवाई कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से कुछ (आरोप) सही होने चाहिए। मैं उन पर शक नहीं करना चाहती। वह (दवा के) कारोबार में नहीं हैं। कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। सीमाएं हैं लेकिन आपको तैयारी करने की ज़रूरत है।’’
याचिकाकर्ता के वकील आस्तिक गुप्ता ने दावा किया कि अस्पताल में भर्ती किए जाने के समय उनके मुवक्किल का कोई कोविड परीक्षण नहीं किया गया था, हर बिस्तर पर 2-3 मरीज थे और एक बार में तीन रोगियों को अल्ट्रासाउंड लैब ले जाया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "15-20 घंटे तक शव बिस्तर पर पड़े रहे" जबकि मरीज फर्श पर थे।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रत्येक वार्ड में करीब 72 बेड हैं और एक सीनियर रेजिडेंट की देखरेख में केवल दो पीजी द्वितीय वर्ष के डॉक्टर थे जिससे डॉक्टरों की कमी का पता लगता है।
अदालत ने कहा कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है और हर दिन मंत्री ध्यान रखने को कह रहे हैं। यह तथाकथित रूप से प्रतिष्ठित अस्पतालों में से एक है। अदालत ने उम्मीद जतायी कि अस्पताल में अब चीजें बेहतर होंगी।
दिल्ली सरकार के वकील अनुज अग्रवाल ने याचिका पर जवाब देने के लिए अदालत से समय देने का अनुरोध किया।
मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
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