मुख्यमंत्री की वकीलों के लिए बीमा योजना पर अदालत ने बार कॉउंसिल से जवाब मांगा

By भाषा | Published: August 18, 2021 07:54 PM2021-08-18T19:54:05+5:302021-08-18T19:54:05+5:30

Court seeks response from Bar Council on Chief Minister's insurance scheme for lawyers | मुख्यमंत्री की वकीलों के लिए बीमा योजना पर अदालत ने बार कॉउंसिल से जवाब मांगा

मुख्यमंत्री की वकीलों के लिए बीमा योजना पर अदालत ने बार कॉउंसिल से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री वकील कल्याण योजना के तहत बीमा का लाभ सभी वकीलों को देने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की अपील पर बुधवार को दिल्ली बार कॉउंसिल को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश केआदेश के तहत योजना का लाभ यहां पंजीकृत सभी वकीलों को देने के लिए कहा गया है, भले ही उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में मतदाता के रूप में पंजीकरण नहीं कराया हो। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की एक पीठ ने आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर दिल्ली बार काउंसिल और बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया तथा एकल न्यायाधीश के समक्ष याचिका दायर करने वाले वकील गोविन्द स्वरूप चतुर्वेदी को नोटिस जारी किये। इन सभी को 30 सितंबर से पहले नोटिस के जवा देने हैं। इस मामले में अब 30 सितंबर को आगे सुनवाई होगी। एकल न्यायाधीश के निर्देश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने स्पष्ट किया कि सरकार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वकीलों के लिए इस नीति के क्रियान्वयन पर कोई आपत्ति नहीं है। पीठ ने कहा कि हम नोटिस के जवाब देने की तारीख पर इस पर गौर करेंगे। नायर ने दलील दी कि एकल न्यायाधीश ने इस योजना का शहर के बाहर के वकीलों तक विस्तार करके सरकार की नीति को गलत समझ लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना का तमिलनाडु तक विस्तार क्यों नहीं कर देते। वहां के वकीलों को यह क्यों नहीं मिलना चाहिए। दिल्ली बार काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने इस योजना के लाभ का विस्तार एनसीआर के वकीलों तक करते समय सरकार द्वारा इसके लिए निर्धारित 50 करोड़ रूपए के बजट में हस्तक्षेप नहीं किया चतुर्वेदी ने कहा कि एकल न्यायाधीश के निर्देशों पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने 12 जुलाई को अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली बार काउंसिल में पंजीकृत लेकिन एनसीआर में रहने वाले वकीलों को इस योजना के दायरे से बाहर रखना भेदभाव पूर्ण और मनमाना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court seeks response from Bar Council on Chief Minister's insurance scheme for lawyers

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे