अदालत ने सुशांत सिंह के जीवन पर कथित तौर पर आधारित फिल्म की रिलीज के बारे में मांगी जानकारी

By भाषा | Updated: June 23, 2021 16:32 IST2021-06-23T16:32:11+5:302021-06-23T16:32:11+5:30

Court seeks information regarding release of film allegedly based on life of Sushant Singh | अदालत ने सुशांत सिंह के जीवन पर कथित तौर पर आधारित फिल्म की रिलीज के बारे में मांगी जानकारी

अदालत ने सुशांत सिंह के जीवन पर कथित तौर पर आधारित फिल्म की रिलीज के बारे में मांगी जानकारी

नयी दिल्ली, 23 जून दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को यह जानना चाहा कि दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के जीवन पर कथित तौर पर आधारित ‘न्याय: द जस्टिस’ फिल्म पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार 11 जून को रिलीज हुई थी या नहीं। इससे पहले, फिल्म के निर्देशक और अभिनेता के पिता ने इस बारे में विरोधाभासी बयान दिए थे।

एकल न्यायाधीश ने राजपूत की जिंदगी पर कथित तौर पर आधारित फिल्म की रिलीज या फिल्मों में उनके नाम या उनसे मिलते जुलते किसी किरदार को दिखाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने इस फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी।

न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने शुरुआत में सवाल किया कि क्या फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पूर्व निर्धारित तिथि 11 जून को रिलीज किया गया। पीठ ने कहा, ‘‘फिल्म रिलीज हुई है या नहीं, बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है। फिल्म रिलीज नहीं हुई है तो अदालत इस मामले पर अभी (अवकाश काल में) सुनवाई पर विचार कर सकती है।’’ पीठ ने आगे कहा, ‘‘अगर फिल्म रिलीज हो चुकी है तो क्या इसे पलटा जा सकता है?’’

राजपूत के पिता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने कहा कि फिल्म को अभी रिलीज नहीं किया गया है, लेकिन फिल्म निर्देशक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि उनकी जानकारी इसके विपरीत है।

इस पर, राजपूत के पिता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुझाव दिया कि मामले की आगे सुनवाई करने से पहले इस तथ्य की पुष्टि की जाए। पीठ ने कहा, ‘‘पहले तथ्यों की पुष्टि हो लेने दीजिए। इसके लिए मामले को 25 जून के लिए सूचीबद्ध किया जाए।’’

उल्लेखनीय है कि एकल पीठ ने राजपूत की जिंदगी पर कथित तौर पर आधारित फिल्मों की रिलीज पर रोक लगाने से दस जून को इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि फिल्में न तो बायोपिक बताई जा रही हैं और न ही राजपूत के जीवन में जो कुछ हुआ उसका तथ्यात्मक विवरण हैं। अदालत ने कहा था, “मरणोपरांत निजता का अधिकार स्वीकार्य नहीं है।”

जयंत मेहता ने सुनवाई के दौरान कहा कि दिक्कत केवल फिल्म की रिलीज को लेकर नहीं है बल्कि एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा जिस तरह से आदेश पारित किया गया उसे लेकर भी है। उन्होंने कहा कि फिल्म निजता के अधिकार और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन करेगी और हर गुजरते दिन के साथ यह अभिनेता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही है।

एकल पीठ ने कहा था कि उसे निर्माताओं एवं निर्देशकों की दलीलें स्वीकार्य लगती हैं कि जो कुछ हुआ अगर उन घटनाओं की जानकारी पहले से सार्वजनिक है तो ऐसी घटनाओं से प्रेरित फिल्मों पर कोई निजता के अधिकार का उल्लंघन की गुहार नहीं लगा सकता। अदालत ने निर्माताओं से कहा था कि अगर भविष्य में किसी तरह के मुआवजे की मांग की जाती है तो ऐसी स्थिति के लिये वे फिल्म के राजस्व का पूर्ण लेखा-जोखा संरक्षित रखें। अदालत ने इसके साथ ही याचिका को निपटारे के लिए संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया था।

सिंह की याचिका के अनुसार, आने वाली या प्रस्तावित कुछ फिल्में ‘न्याय: द जस्टिस’, ‘सुसाइड ऑर मर्डर: ए स्टार वॉज लॉस्ट’ , ‘शशांक’ और एक अन्य अनाम फिल्म उनके बेटे की जिंदगी पर आधारित है।

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Web Title: Court seeks information regarding release of film allegedly based on life of Sushant Singh

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