एनसीईआरटी पुस्तक से शाहजहां, औरंगजेब संबंधी विषय-वस्तु हटाने संबंधी याचिका सुनने से अदालत का इनकार

By भाषा | Updated: December 15, 2021 20:44 IST2021-12-15T20:44:56+5:302021-12-15T20:44:56+5:30

Court refuses to hear petition seeking removal of Shahjahan, Aurangzeb-related content from NCERT book | एनसीईआरटी पुस्तक से शाहजहां, औरंगजेब संबंधी विषय-वस्तु हटाने संबंधी याचिका सुनने से अदालत का इनकार

एनसीईआरटी पुस्तक से शाहजहां, औरंगजेब संबंधी विषय-वस्तु हटाने संबंधी याचिका सुनने से अदालत का इनकार

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस जनहित याचिका पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया, जिसमें एनसीईआरटी को उसकी 12वीं कक्षा की इतिहास की पाठ्यपुस्तक हटाने और उसमें सुधार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया है कि युद्धों के दौरान तबाह हुए मंदिरों की मरम्मत कराने के लिए शाहजहां और औरंगजेब के शासनकाल में अनुदान जारी किये गये थे।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि खुद को ‘मेहनती और ईमानदार छात्र’ होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अदालत ‘तथा-कथित’ जनहित याचिका के माध्यम से मुगल शासकों की नीतियों की समीक्षा अपने तरीके से करे। न्यायालय ने यह भी कहा कि वह याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाएगा।

पीठ ने सवाल किया, ‘‘आप कह रहे हैं कि मंदिर मरम्मत आदि के लिए अनुदान देने को लेकर शाहजहां और औरंगजेब की ऐसी कोई नीति नहीं थी? (क्या)...आप चाहते हैं कि हम शाहजहां और औरंगजेब की नीतियों के बारे में निर्णय लें? (क्या) हाई कोर्ट (इस बारे में) फैसला करेगा?”

अदालत ने कहा कि इस याचिका के जरिये न्यायिक समय बर्बाद किया जा रहा है। हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ताओं को बिना शर्त याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

याचिकाकर्ता संजीव विकल और दपिंदर सिंह विर्क ने दावा किया था कि एनसीईआरटी के पास छात्रों को सिखाई जा रही सामग्री के संबंध में कोई रिकॉर्ड या जानकारी नहीं है और मुगलों के कार्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।

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Web Title: Court refuses to hear petition seeking removal of Shahjahan, Aurangzeb-related content from NCERT book

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