कोयला घोटाला मामलों में नये विशेष सरकारी वकीलों के नामों पर न्यायालय आदेश पारित करेगा

By भाषा | Published: April 12, 2021 05:31 PM2021-04-12T17:31:20+5:302021-04-12T17:31:20+5:30

Court order will be passed in the names of new special public prosecutors in coal scam cases | कोयला घोटाला मामलों में नये विशेष सरकारी वकीलों के नामों पर न्यायालय आदेश पारित करेगा

कोयला घोटाला मामलों में नये विशेष सरकारी वकीलों के नामों पर न्यायालय आदेश पारित करेगा

नयी दिल्ली,12 अप्रैल केंद्र ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज कोयला घोटाला मामलों के सिलसिले में नये विशेष सरकारी वकीलों (एसपीपी) के चयन के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष सरकारी वकील की ओर से सुझाए गये नामों पर सोमवार को ऐतराज जताया। इसके बाद, न्यायालय ने कहा कि वह संबद्ध वकीलों द्वारा उसे सौंपे गये नामों के आधार पर आदेश जारी करेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस चीमा को 2004 में शीर्ष न्यायालय ने एसपीपी नियुक्त किया था। उन्होंने अपनी अधिक उम्र और उनकी सहायता करने वाले कानूनी अधिकारियों की कमी का जिक्र करते हुए उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था।

हालांकि, चीमा ने कोयला घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में एसपीपी के तौर पर कार्य करने की सहमति दी थी।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायामूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस विषय में आदेश जारी करेंगे। ’’

सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने अपने पास मौजूद दो नामों --अधिवक्ता सतीश टमटा और डीपी सिंह--पर केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की राय मांगी।

मेहता ने जवाब दिया कि ये नाम पिछले मौके पर सुझाए गये थे और कहा, ‘‘हमें कुछ आपत्ति है।’’

पीठ ने कहा कि सिंह अगस्तावेस्टलैंड मामले में और अन्य विषय में ईडी के लिए पेश हो रहे हैं।

मेहता ने कहा कि उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और अधिवकता राजेश बत्रा के नाम सुझाए हैं।

चीमा ने कहा कि बत्रा फौजदारी मामलों के एक बहुत अच्छे वकील हैं और यह संयोजन शानदार रहेगा।

कोयला घोटाला मामले में मुख्य याचिकाकर्ता अधिवक्ता एम एल शर्मा ने कहा कि कोयला घोटाला मामलों में कई सारे आरोपी हैं और उच्च न्यायालय तथा शीर्ष अदालत के कई वरिष्ठ अधिवक्ता उनकी ओर से पेश हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘निचली अदालत को निचली अदालत के वकील बखूबी समझते हैं और नियुक्त किये जाने वाला वकील आरोपी की ओर से पेश हुआ नहीं होना चाहिए। ’’

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एनजीओ की ओर से कहा कि अदालत को चीमा द्वारा सौंपे गये मूल नामों पर आगे बढ़ना चाहिए और सरकार की आपत्ति पर गौर नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एसपीपी को सरकार से स्वतंत्र होना चाहिए

पीठ ने कहा कि मनिंदर सिंह ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पद से इस्तीफा दे दिया है और वह अब इस जिम्मेदारी से मुक्त हैं।

इसके बाद पीठ ने कहा, ‘‘ठीक है, हम इस विषय में आदेश जारी करेंगे। ’’

उच्चतम न्यायालय ने दो न्यायिक अधिकारियों, अरुण भारद्वाज और संजय बंसल, को 2014 से लंबित सनसनीखेज कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई के लिए पांच अप्रैल को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया।

न्यायालय ने 2014 में 214 कोयला खदानों के आवंटन रद्द कर दिए थे, जिन्हें वर्ष 1993 से 2010 के बीच केंद्र सरकार ने आवंटित किया था। साथ ही, विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के आदेश दिए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Court order will be passed in the names of new special public prosecutors in coal scam cases

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे