अदालत ने बहादुरी के लिए पुलिस मेडल मांगने वाले सीआरपीएफ कर्मी की याचिका खारिज की

By भाषा | Updated: December 10, 2021 20:37 IST2021-12-10T20:37:39+5:302021-12-10T20:37:39+5:30

Court dismisses plea of CRPF personnel seeking police medal for bravery | अदालत ने बहादुरी के लिए पुलिस मेडल मांगने वाले सीआरपीएफ कर्मी की याचिका खारिज की

अदालत ने बहादुरी के लिए पुलिस मेडल मांगने वाले सीआरपीएफ कर्मी की याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का किसी पुरस्कार या मेडल पर कानूनी अधिकार नहीं बनता है, और नक्सलवादियों के साथ मुठभेड़ के लिए पुलिस मेडल ऑफ गैंलेंटरी की मांग करने वाले सीआरपीएफ कर्मी की याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत किसी व्यक्ति को वीरता पुरस्कार नहीं देती है और कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता का नाम पुरस्कार के लिए नामित हुआ था और सीआरपीएफ में शीर्ष स्तर से इसके लिए मना किया गया है, ऐसे में याचिका में कोई दम नहीं है।

पीठ ने स्पष्ट किया कि उसके अधिकार सिर्फ निर्णय लेने की प्रक्रिया तक समिति हैं और कहा कि उसके समक्ष पेश प्रक्रिया में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है।

अदालत ने आठ दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को सिर्फ उसके नाम पर विचार का अधिकार है, लेकिन उसे अवार्ड/मेडल पाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। इसके अलावा, यह अदालत अपने रिट अधिकार क्षेत्र में कोई वीरता पुरस्कार नहीं देती है, बल्कि यह सिर्फ निर्णय लेने की प्रक्रिया की समीक्षा कर सकती है और ज्यादा से ज्यादा अवार्ड देने के याचिकाकर्ता के अनुरोध पर पुन:विचार का निर्देश दे सकती है।’’

सीआरपीएफ कर्मी ने उसे पुरस्कार नहीं देने के प्राधिकार के आदेश को चुनौती दी थी।

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Web Title: Court dismisses plea of CRPF personnel seeking police medal for bravery

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