नयी दिल्ली,16 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थायी समाधान के वास्ते जनता और विशेषज्ञों से सुझाव मांगने के निर्देश बृहस्पतिवार को दिए।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने आयोग की ओर से दाखिल एक रिपोर्ट पर गौर किया। इसमें न्यायालय को सूचित किया गया था कुछ उद्योगों पर लगी पाबंदियां हटाने का निर्णय लिया गया है।
पीठ ने कहा, ‘‘समिति की रिपोर्ट उठाए गए कदमों की जानकारी देती है। निर्माण से जुड़ी गतिविधियों के बारे में कहा गया है कि इस संबंध में निर्णय कल लिया जाएगा। हम मामले को सुनवाई के लिहाज से फरवरी के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करेंगे। इस बीच हम आयोग को निर्देश देते हैं कि वह प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थायी समाधान के वास्ते जनता और विशेषज्ञों से सुझाव मांगे।’’
इससे पहले, मामले की सुनवाई शुरू होने पर सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि दुग्ध, डेयरी प्रसंस्करण, दवाओं के निर्माण ,जीवन रक्षक दवाइयां और चिकित्सकीय साजो सामान से जुड़ी औद्योगिक प्रक्रियाओं को शुरू करने की मंजूरी दे दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ उद्योगों को आठ घंटे काम करने की मंजूरी दी गई थी, कुछ उद्योगों ने कहा कि उनके उद्योग की प्रकृति ऐसी है कि आठ घंटे पर्याप्त नहीं है।
मेहता ने कहा,‘‘ हमने उनसे सात दिन नहीं केवल पांच दिन सतत प्रक्रिया जारी रखने को कहा है। हमने ऐसी व्यवस्था की है कि ये समान दिनों में काम नहीं करें।’’
उन्होंने कहा,‘‘ जो ताप विद्युत संयंत्र बंद हैं, वे बंद ही रहेंगे लेकिन और बंद नहीं किये जायेंगे। निर्माण गतिविधियों पर फैसला कल लिया जाएगा। अस्पताल निर्माण की अनुमति है, जबकि ट्रक आदि पर रोक जारी है।’’
मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि केवल अल्पकालिक उपाय प्रस्तावित किए गए हैं और वायु प्रदूषण की समस्या के लिए दीर्घकालिक स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
सिंह ने कहा,‘‘ ये (एसजी द्वारा पेश) अल्पकालिक उपाय हैं। मेरे पास कुछ सुझाव हैं। स्थायी समाधान तलाशे जाने की जरूरत है।’’
इस पर पीठ ने उनसे कहा कि वह सुझाव पेश करें ,जिन पर आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञों का एक समूह गौर करेगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।