अंततः केन्द्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के घर जाने का रास्ता साफ कर ही दिया है. अब, जबकि मजदूरों को उनके घर जाने की स्वीकृति मिली है, तो प्रदेश सरकारों को भी अपने राज्यों की श्रमिक-शक्ति के महत्व को समझ कर उनके वहीं रुकने के लिए स्थानीय सुविधाओं और योजनाओं पर फोकस करना होगा.
इसके दो बड़ें फायदे हैं, एक- स्थानीय श्रमिकों के लिए नई संभावनाएं बनेंगी और दो- कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के चीन, अमेरिका जैसे देशों से मोहभंग होने के बाद भारत में इनके आने की संभावनाएं बन रही हैं. इन कंपनियों के लिए स्थानीय श्रमिकों की बड़ी जरूरत रहेगी. स्थानीय श्रमिक-शक्ति ही उस राज्य में अन्तरराष्ट्रीय कंपनी के आने के लिए बड़ा आकर्षण रहेगी.
बहरहाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जो प्रवासी मजदूरों के लिए लंबे समय से सक्रिय थे, ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा श्रमिकों एवं प्रवासियों के अन्तराज्यीय आवागमन के संबंध में बुधवार को जारी किए गए आदेश का स्वागत किया है.
उनका कहना है कि प्रवासियों को सकुशल उनके घर पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक व्यवस्थित एवं सुगम प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है जिसमें बुधवार रात तक करीब 6 लाख 35 हजार श्रमिकों एवं प्रवासियों ने अपना पंजीयन कराया है.
सीएम गहलोत का कहना है कि आने वाले समय में और भी श्रमिक अपना पंजीयन करा सकते हैं, ऐसे में कामगारों की इतनी बड़ी संख्या तथा लंबी दूरी को देखते हुए विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाना कामगारों के सुरक्षित घर लौटने का व्यावहारिक समाधान होगा.