Coronavirus Pandemic: असम में एक विधायक कोरोना पॉजिटिव, पूर्व सीएम तरुण गोगोई समेत 26 MLA, कई सांसद चपेट में
By भाषा | Published: September 12, 2020 05:35 PM2020-09-12T17:35:54+5:302020-09-12T17:35:54+5:30
नलबाड़ी से भाजपा विधायक और उतनी पत्नी को यहां स्थित स्वाहिद मुकुंद काकती सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, हिल क्षेत्र विकास मंत्री सुम रोंगहांग समेत 26 विधायक और असम के कई सांसद कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
नलबाड़ीः असम में भाजपा विधायक अशोक शर्मा और उनकी पत्नी की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही राज्य में संक्रमण का शिकार हुए विधायकों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नलबाड़ी से भाजपा विधायक और उतनी पत्नी को यहां स्थित स्वाहिद मुकुंद काकती सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, हिल क्षेत्र विकास मंत्री सुम रोंगहांग समेत 26 विधायक और असम के कई सांसद कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
असम में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,38,339 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक कोविड-19 के 1,08,329 मरीज ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 29,577 मरीजों का इलाज चल रहा है। असम में अब तक कोविड-19 के 430 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं।
कोविड-19: अंतिम संस्कार करने में असमर्थ परीजन को 5000 रुपये देगी असम सरकार
असम सरकार ने कोविड-19 से होने वाली प्रत्येक मृत्यु के मामले में परीजन द्वारा शव नहीं ले जाने या अंतिम संस्कार करने में असमर्थ होने पर जिला प्रशासन को 5,000 रुपये तक का अंतिम संस्कार खर्च देने का फैसला किया है। उपायुक्तों ने अंतिम संस्कार में आने वाली कठिनाइयों का जिक्र किया था।
इसके बाद आर्थिक सहायता देने का यह फैसला किया गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव समीर सिन्हा द्वारा जारी एक आदेश में इसकी जानकारी दी गई। एक अन्य आदेश में, विभाग ने कहा कि असम के बाहर जाने वाला कोई व्यक्ति यदि 96 घंटों में राज्य लौट आता है तो उसे 10 दिन के पृथकवास से नहीं गुजरना होगा।
राज्य लौटने वाले को ‘रैपिड एंटीजन टेस्ट’ कराना होगा और यदि संक्रमण की पुष्टि होती है तो उसे प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड देखभाल केंद्र या अपने घर में पृथकवास में रहकर उपचार कराना होगा। यदि रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट आने तक व्यक्ति को पृथक-वास में रहना होगा।