बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 25, मचा हड़कंप, तलाशे जा रहे हैं मरकज से जुड़े 59 विदेशी नागरिक
By एस पी सिन्हा | Published: April 2, 2020 06:10 PM2020-04-02T18:10:50+5:302020-04-02T18:46:43+5:30
इस बीच सरकार ने भी यह मान लिया है कि मरकज में आए लोगों की वजह से कोरोना अब तेजी से फैल रहा है. जमात में शामिल हुए 59 विदेशी नागरिकों की बिहार के विभिन्न जिलों में तलाश की जा रही है.
पटना: बिहार में भी कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है. गया की एक और महिला मरीज में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस तरह से बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढकर 25 हो गई है. इसके पहले उसके पति का रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ चुका है. 2 दिन पहले गया के 23 साल के युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. उसके बाद उसकी पत्नी की जांच कराई गई. आज जो रिपोर्ट जारी किया गया है उसके अनुसार महिला का रिपोर्ट भी पॉजिटिव है.
इस बीच सरकार ने भी यह मान लिया है कि मरकज में आए लोगों की वजह से कोरोना अब तेजी से फैल रहा है. जमात में शामिल हुए 59 विदेशी नागरिकों की बिहार के विभिन्न जिलों में तलाश की जा रही है. इनमें से पटना के कुर्जी में पुलिस की पकड में आये 12 और फुलवारी इलाके के आठ लोगों की स्क्रीनिंगग कराई गई है. इसबीच, कटिहार के सात लोगों का एक समूह भी लापता है.
यह समूह विदेश से आने के बाद सीधे मरकज में शामिल हुआ था. बिहार आये विदेशियों में 59 ऐसे हैं, जिनके बारे में अभी यह पता नहीं चला है कि यह बिहार में किस जिले में छिपे हैं. इन सभी की तलाश के लिये स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा एसटीएस, स्पेशल ब्रांच की अलग- अलग टीमों को लगाया गया है.
पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य के विभिन्न जिलों में छिपे विदेशी नागरिकों की संख्या बढ भी सकती है. राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि 162 लोगों के तबलीगी जमात में शामिल होने की सूचना है. इसमें 86 लोगों की जानकारी मिली है. कुछ लोग बिहार आकर लौट भी गये हैं.
इसबीच, खबर है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय मरकज में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले बिहार के सभी 86 लोग अभी दिल्ली में ही जमे हैं. संभवत: बिहार होकर नके दिल्ली लौट जाने की आशंका जताई जा रही है. जमात में शामिल हुए 59 विदेशी नागरिकों की बिहार के विभिन्न जिलों में तलाश की जा रही है. वहीं, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि बिहार के 86 लोगों में अभी 49 लोगों की ट्रैकिंग होना बाकी है.
इनके अलावा 59 विदेशियों की तलाश भी की जा रही है. विदेश से बिहार लौटे करीब चार हजार लोगों पर नजर रखी जा रही है. गृह विभाग के उच्चपदस्थ से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएस- स्पेशल ब्रांच को चार सूची सौंपी गयी है. एक सूची 86 बिहारियों की है. दूसरी 57 विदेशियों की है. तीसरी सूची में मॉरीशस के दो लोग हैं जो मुंबई से मरकज में गये. वहां से बिहार आ गये. चौथी सूची कटिहार के सात लोगों की है. इन सभी को एटीएस और स्पेशल ब्रांच तलाश कर रही है.
विदेशियों वाली 57 लोगों की सूची में थाइलैंड- मलेशिया के चार-चार, बांग्लादेश के 32, इंडोनेशिया के 13 नागरिक है. जबकि किर्गिजस्तान के दो तथा म्यांमार व आस्ट्रेलिया के एक- एक नागरिक है. इनमें किशनगंज में थाइलैंड के दो, इंडोनेशिया के तीन की लोकेशन किशनगंज, तीन की अररिया में मिली है. थाइलैंड के दो नागरिकों की अभी लोकेशन नहीं मिली है.
किर्गिजस्तान का एक नागरिक औरंगाबाद और दूसरा भागलपुर में तलाशा जा रहा है. वहीं, म्यांमार का दरभंगा और आस्ट्रेलियायी नागरिक दरभंगा में खोजा जा रहा है. कई ऐसे विदेशी हैं जिनकी पहचान हो गई है, लेकिन अभी उनकी लोकेशन नहीं मिली है.
इसके अलावे तब्लीगी जमात मरकज के करीब 70 सदस्य ऐसे हैं, जो बिहार की अलग-अलग छह मस्जिदों या इससे जुडे मुसाफिरखाने में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर इन्हें भी क्वारैंटाइन कर जांच करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें कई लोग 10 दिन पहले, जबकि कुछ लोग कुछ दिनों पहले ही आये थे और सूबे की अलग-अलग मस्जिदों में शरण लिये हुए थे. ये सभी लोग तब्लीगी जमात के हैं और यहां धर्मा प्रचार के सिलसिले में आये हुए हैं. इसमें अधिकांश विदेशी हैं. इन लोगों से सघन पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
इनका पूरा ट्रैवेल हिस्ट्री लिया जा रहा है ताकि इसके आधार पर यह पता चल सके कि इन लोगों ने कहां-कहां की यात्रा की है? खासकर कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद ये लोग कहां-कहां गये थे और किन-किन लोगों के संपर्क में आये थे? इन लोगों का पूरा ब्योरा लिया जा रहा है. ताकि यह स्पष्ट रूप से पता चल सके कि इसमें कोरोना से संक्रमित होने वाले संभावित लोगों की कितनी संख्या है.फिलहाल इनसे पूरी डिटेल जानकारी भी प्राप्त की जा रही है.
इसबीच, सूबे के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए नवरात्र में भी सारे मंदिर बंद रखे गए. गुरुद्वारे केवल भूखों को भोजन देने के काम कर रहे हैं. चर्च और मस्जिदों में भी सामूहिक प्रार्थना या नमाज नहीं हो रही है.
ऐसे में देश-विदेश के 3000 से ज्यादा लोगों को बुलाकर तबलीगी जमात का आयोजन करना मौत को दावत देने जैसा है. ट्वीट कर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह इस्लाम की भलाई नहीं, बल्कि मजहब को बदनाम करने वाली हरकत है. इसके लिए मौलाना साद को माफी मांगनी चाहिए. एक अन्य ट्वीट में कहा कि जीवन की कठिनाइयों के बीच भी मर्यादा पालन करने का सनातन संदेश देने वाले भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव रामनवमी पर बिहारवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.