कोरोना संकटः मोदी सरकार होम क्वारंटाइन के नियम बदलने पर कर रही विचार, प्रभावी रोक के लिए संस्थागत क्वारंटाइन में रखने का है प्रस्ताव
By संतोष ठाकुर | Published: April 28, 2020 06:37 AM2020-04-28T06:37:31+5:302020-04-28T06:37:31+5:30
Coronavirus: आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अस्पताल या फिर किसी अन्य कामकाजी जगह पर कई बार एकसाथ ही कई लोग संदिग्ध कोरोना प्रभावित के रूप में सामने आते हैं. उनकी प्रारंभिक तापमान जांच के बाद अधिकतर समय उन्हें उनके घर में ही क्वारंटाइन या पृथकवास में रहने की सलाह दे दी जाती है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना के केस हालांकि कम हो रहे हैं और रिकवरी रेट में भी इजाफा हो रहा है. लेकिन, जिस तरह से देश के पांच शहर और 10 राज्यों में इसका प्रकोप बना हुआ है,उसे कम करने के लिए सरकार होम क्वारंटाइन या एकांत गृहवास की नीति में बदलाव पर विचार कर रही है. इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईसीएमआर और एम्स से चर्चा की है. यह प्रस्ताव है कि अगर एक साथ ही किसी क्षेत्र में या अस्पताल में अधिक संदिग्ध सामने आएं तो उन्हें होम क्वारंटाइन की जगह संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाए.
आईसीएमआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अस्पताल या फिर किसी अन्य कामकाजी जगह पर कई बार एकसाथ ही कई लोग संदिग्ध कोरोना प्रभावित के रूप में सामने आते हैं. उनकी प्रारंभिक तापमान जांच के बाद अधिकतर समय उन्हें उनके घर में ही क्वारंटाइन या पृथकवास में रहने की सलाह दे दी जाती है. लेकिन, यह सामने आ रहा है कि घर पर पृथकवास में वह सावधानी नहीं हो पाती है जिसकी जरूरत है. मुंबई और पुणे गई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमों ने भी यह महसूस किया है.
ऐसे में उनका मानना है कि ऐसे मामलों में होम क्वारंटाइन की जगह इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन की व्यवस्था की जाए. इसके लिए राज्योंं को ऐसे अस्पतालों या अन्य कार्यालयों के पास ही क्वारंटाइन होम बनाने की सलाह दी जा रही है. हालांकि इसमें यह भी देखा जा रहा है कि ऐसे कितने मामले हैं जिनको होम क्वारंटाइन के लिए इजाजत दी जाए और उनके लिए क्या घर पर निगरानी के लिए कोई खास प्रोटोकाल बनाने की जरूरत है.
घर में नहीं नहीं रह पाती सावधानी
अधिकारी ने कहा कि अस्पताल या चिकित्सीय केंद्र पर सामने आने वाले संदिग्धों में यह सामने आया है कि उनमें से कुछ में प्रभाव कम होता है तो कुछ में इसका अधिक प्रभाव होता है। जिससे कुछ संदिग्ध से यह बीमारी अन्य लोगों तक पहुंच जाती है क्योंकि घर में रहते हुए उतनी सावधानी नही रह पाती है, जिसकी जरूरत होती है। जिससे कोरोना पर प्रभावी रोक लगे