कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए मोदी सरकार ने देश में पहली बार नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (NDMA) लागू किया है। यह एक्ट बुधवार (25 मार्च) से लागू हुआ है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च शाम को गृह मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के शीर्ष अधिकारियों की बैठक ली थी। इसके बाद ही पीएम मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश मे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के अध्यक्ष के रूप में गृह सचिव ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। देश के कई हिस्से पहले से ही 31 मार्च तक बंद थे। केंद्र सरकार ने बताया कि इस अवधि तक सड़क, रेल और हवाई सेवाएं स्थगित रहेंगी। लेकिन आवश्यक वस्तुओं को देशभर में पहुंचाने के लिए माल की ढुलाई जारी रहेगी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी छह पन्ने के दिशानिर्देश के मुताबिक रियाती मूल्य पर सामान देने वाले , खाने पीने के सामान, किराने की दुकान, सब्जी, फल, मांस, मछली और जानवरों के खाने के दुकानें खुली रहेंगी।
2005 में बना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट (NDMA) पहली बार 2005 में अस्तित्व में आया। इसके बनने से पहले 2004 में भारत के पूर्वी तट पर सुनामी आई थी जिसमें 10 हजार लोग मारे गए थे। एनडीएमए की साइट पर बताया गया है कि 1999 में ही एक उच्चाधिकार समिति ने आपदा प्रबंधन को राष्ट्रीय प्राथमिकता मानते हुए एक राष्ट्रीय समिति का सुझाव दिया था। गुजरात में 2001 में आए भूकंप के बाद इसकी जरूरत बहुत महसूस की गई।
23 दिसंबर, 2005 को भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया। इसमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और संबद्ध मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMAs) की स्थापना की गई। एनडीएमए के तहत आपदा या महामारी के समय राज्यों को सहायता देने का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबला करने के लिए मेडिकल सुविधाओं को मजबूत करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन का भी ऐलान किया है।
भारत में तीन तरह के राष्ट्रीय आपातकाल का प्रावधान है। संविधान में नेशनल सिक्यूरिटी (आर्टिकल 352), राज्य (आर्टिकल 356) और वित्तीय (आर्टिकल 360) आपातकाल का प्रावधान है। अब तक भारत में नेशनल सिक्यूरिटी को लेकर तीन बार आपातकाल लगाया है जबकि आर्टिकल 356 के तहत राज्यों में कई बार सरकारें बर्खास्त हुई हैं। वहीं भारत में वित्तीय आपातकाल कभी लागू नहीं हुआ है।