नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। रोजगार का संकट गहराता चला जा रहा है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्वीकार किया है कि लिक्विडिटी से संबंधित समस्याएं हैं, जिसके बिना अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर नहीं लाया जा सकता है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार (16 जून) को कहा, 'मैं स्वीकार करता हूं कि बैंकों से संबंधित, मांग और सप्लाई, लिक्विडिटी से संबंधित समस्याएं हैं। अभी आर्थिक स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण समस्या लिक्विडिटी है। हमें बाज़ार में लिक्विडिटी बढ़ाने की जरूरत है। इसके बिना हम अपनी अर्थव्यवस्था के पहिए को तेज नहीं कर सकते।'
वहीं, उन्होंने कहा कि मार्च के अंत तक गांव उद्योग का टर्नओवर 88,000 करोड़ रुपये है। दो साल के अंदर इसे हम 5 लाख करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है। हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता कृषि, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं बनाना है।
क्लस्टर के जरिए रोजगार के अवसरों की खोज
इससे पहले उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये देशभर में घोषित लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों की रोजगार की समस्या दूर करने के लिए सरकार देशभर में क्लस्टर के जरिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने पर काम कर रही है। इसके साथ ही महानगरों की भीड़ कम करने के लिये स्मार्ट शहर और गांवों के विकास पर भी बल दिया जा रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि देशभर से लोग रोजगार के लिए मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, जैसे महानगरों का रुख करते हैं जिससे इन शहरों का ढांचा बिगड़ गया है। महानगरों में भीड़ घटाने और लोगों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मुहैया करने के लिए सरकार स्मार्ट शहर और गांवों के विकास पर काम कर रही है।
कोरोना के कारण बेहद गंभीर समस्या
नितिन गडकरी ने कहा था कि हमें वन उत्पादों का उपयोग औद्योगिक क्षेत्रों में करने, ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगाने की जरूरत है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हम बेहद गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं.. .हमें जल्द ही इसका वैक्सीन मिलने की उम्मीद है, लेकिन आगे आर्थिक युद्ध मौजूद है यह आसान रास्ता नहीं है क्योंकि पूरी दुनिया इससे जूझ रही है।