मुंबई के ब्रांदा में प्रवासी मजूदरों के जमावड़े के मामले में आरोपी विनय दुबे को 21 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मुंबई पुलिस ने विनय दुबे को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में बुधवार (15 अप्रैल) को गिरफ्तार किया है। विनय दुबे पर आरोप है कि उसके सोशल मीडिया संदेशों से मंगलवार को ब्रांदा में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों का जमावड़ा लग गया। आरोपी नवी मुंबई का निवासी है।
विनय दुबे पर भड़काऊ पोस्ट डालने का आरोप
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें उसने मांग की थी कि महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों के जाने की व्यवस्था करे, जो कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में फंसे हुए हैं और अपने मूल स्थानों पर वापस जाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उसने इस मुद्दे को लेकर ट्वीट भी किया था और धमकी दी थी कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर ले जाने के लिए 18 अप्रैल तक रेलगाड़ियों की व्यवस्था अगर नहीं की गई तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
मुंबई में टीवी पत्रकार पर केस दर्ज
ब्रांदा मामले में पुलिस ने एक टीवी पत्रकार पर भी एफआईआर दर्ज किया है। पत्रकार राहुल कुलकर्णी पर आरोप है कि हाल ही में एक खबर में उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों के लिए जन साधारण विशेष ट्रेनें बहाल होंगी। महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के आरोपी पत्रकार को हिरासत में ले लिया गया है और पुलिस उसे मुंबई ला रही है।
जानें ब्रांदा का पूरा मामला
मुंबई में मंगलवार को बांद्रा में हजारों प्रवासी मजदूर सड़क पर उतर आए। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। सूत्रों के अनुसार यह अफवाह फैल गई थी कि लॉकडाउन खत्म होने के ट्रेनें शुरू हो रही हैं, इसलिए ये मजदूर जल्द से जल्द अपने गांव पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए।