Shramik Specials: 60 श्रमिक ट्रेनों का संचालन, रेलवे ने दिशा-निर्देश जारी किए, सवार यात्रियों के व्यवहार, शौचालयों की सफाई, तरल साबुन सहित कई चीजों पर पैनी नजर

By भाषा | Updated: May 5, 2020 15:59 IST2020-05-05T15:59:19+5:302020-05-05T15:59:19+5:30

देश भर में करीब 60 श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने कहा कि कई तरह के दिशा-निर्देश जारी किया गया है। खुफिया एजेंसियों से मदद ली जा रही है। कोई गड़बड़ी पर तुरंत एक्शन लिया जा सके।

Coronavirus lockdown Railways run ‘Shramik Special’ trains move migrant workers stranded persons | Shramik Specials: 60 श्रमिक ट्रेनों का संचालन, रेलवे ने दिशा-निर्देश जारी किए, सवार यात्रियों के व्यवहार, शौचालयों की सफाई, तरल साबुन सहित कई चीजों पर पैनी नजर

यात्रियों के विभिन्न समूहों के बीच झगड़ों की आशंकाओं का पता लगाने के लिये खुफिया एजेंसियों से करीबी संपर्क बनाए रखें। (file photo)

Highlightsअबतक करीब 60 श्रमिक ट्रेनों का संचालन कर चुके रेलवे ने सुरक्षा और स्वच्छता के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। दिशा-निर्देशों में कहा गया है, सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी बढ़ाएं। पूर्व सुरक्षाकर्मियों, होम गार्डों और निजी सुरक्षा कर्मियों की भर्ती की करें।

नई दिल्लीः रेलवे ने श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन करने वाले जोनल रेलवे को जारी दिशानिर्देश में कहा कि वे उन लोगों पर नजर रखे जो सांप्रदायिक झगड़े और मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

यात्रियों के व्यवहार पर भी नजर बनाए रखने को कहा गया है। देश में गत शुक्रवार से अब तक करीब 67 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियो का परिचालन किया गया है और अब रेलवे ने सुरक्षा और स्वच्छता नियमावली को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। रेलवे अधिकारियों ने यह खुलासा नहीं किया है कि अब तक इस सेवा पर कितना व्यय किया गया है जबकि सरकार का कहना है कि खर्च रेलवे और राज्य 85 :15 के अनुपात में वहन कर रहे हैं। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि शुरुआती 34 विशेष रेलगाड़ियों पर रेलवे ने 24 करोड़ रुपये की राशि व्यय की है जबकि राज्यों ने 3.5 करोड़ रुपये का अंशदान किया है।

रेलवे द्वारा सोमवार को जारी दिशानिर्देश में नियमों को तीन भागों - रेलगाड़ी के प्रस्थान स्टेशन, गंतव्य स्टेशन और रेलगाड़ी के भीतर- में बांटा गया है। इसमें सुरक्षा प्रबंधों के बारे में भी निर्देश है। सभी रेलवे स्टेशन के प्रवेश-निकास मार्ग और रेलगाड़ी के दरवाजों पर सुरक्षा उपाय करने को कहा गया है। दिशानिर्देश में कहा गया, ‘‘सुरक्षाकर्मियों की उपस्थिति को बढ़ाया जाए। इसके लिए सेवानिवृत्त सैनिकों, होम गार्ड और निजी सुरक्षा कर्मियों की भर्ती की जाए।

खुफिया एजेंसियों से करीबी संवाद कर यात्रियों के बीच सांप्रदायिक झगड़े या समूह संघर्ष की संभावनाओं का पता लगाया जाए। इस तरह की घटना की संभावना की जानकारी मिलने पर जरूरी एहतियात बरती जाए जैसे कि प्रस्थान और गंतव्य स्टेशन एवं रास्ते में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती बढ़ाकर।’’ दिशानिर्देश के मुताबिक, ‘‘यात्रियों के व्यवहार पर कड़ी नजर रखी जाए और समस्या उत्पन्न करने वाले की पहचान कर समूह से अलग किया जाए। स्थिति खराब होने की स्थिति में यथाशीघ्र हस्तक्षेप के लिए राज्य पुलिस से संपर्क किया जा सकता है।’’

रेलवे ने कहा कि रेलगाड़ी की साफ-सफाई प्रस्थान और गंतव्य स्टेशन दोनों जगह की जानी चाहिए। दिशानिर्देश के मुताबिक लिक्विड सोप (तरल साबुन) मुहैया कराई जाए और शौचालयों की सफाई के लिए कुछ कर्मचारी रेलगाड़ी के भीतर मौजूद हों। रेलवे प्रवासी कामगारों से किराया लेने के आरोपों का सामना कर रहा है। हालांकि, इस बीच उसने 67 विशेष रेलगाड़ियों से करीब 67 हजार श्रमिकों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया है। रेलवे मेल/एक्सप्रेस का शयनयान का किराया वसूल रहा है। इसके अलावा 30 रुपये सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क श्रमिक विशेष ट्रेन के लिए ले रहा है।

तीन हजार से अधिक मजदूर श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से ओडिशा पहुंचे

गुजरात और केरल में फंसे तीन हजार प्रवासी मजदूर विशेष रूप से चलाई गई श्रमिक ट्रेन से ओडिशा के गंजम जिले में सोमवार को पहुंचे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गुजरात स्थित सूरत से दो ट्रेनों में 2,400 मजदूर घर लौटे और केरल स्थित एरनाकुलम से 640 मजदूर एक अन्य ट्रेन से वापस आए।

अधिकारियों ने बताया कि सभी तीन ट्रेनें बेरहामपुर के जगन्नाथपुर स्टेशन पर पहुंची। सूत्रों के अनुसार 1,200 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक अन्य ट्रेन सोमवार देर रात जगन्नाथपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। रविवार को 2,300 से अधिक मजदूर सूरत और केरल स्थित अलुवा से गृह राज्य पहुंचे थे। 

पच्चीस करोड़ मानव दिवस का सृजन करके 20 हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक देने का लक्ष्य: सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रारंभ की जा रही तीन योजनाओं के माध्यम से राज्य में 25 करोड़ मानव दिवस सृजन करने का लक्ष्य है जिससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये लाखों श्रमिकों को उनके पारिश्रमिक के रूप में प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री सोरेन ने ग्रामीण विकास विभाग की अनेक योजनाओं का यहां शुभारंभ करते हुए कहा, ‘‘यह संकट का समय है। ईमानदारी व तत्परता से काम करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके। झारखण्ड आज कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है। यह बड़ी चुनौती है। सरकार 25 करोड़ मानव दिवस सृजित करके श्रमिकों को बीस हजार करोड़ रुपये पारिश्रमिक के रूप में देगी।’’ मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ‘‘हमें सीमित संसाधनों के बल पर नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा देनी है, प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित करनी है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना है।’’ उन्होंने कहा कि झारखण्ड का रोजगर खेतों से जुड़ा है।

संक्रमण के दौर में उद्योग बंद हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में भुखमरी व बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न न हो इस निमित्त कार्य योजना तैयार कर ली गई है। शुरू की गई योजनाएं निर्णायक भूमिका निभाने वाली होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें बुजुर्गों और विधवा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि उनके लिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। योजना के जरिये सड़क किनारे, सरकारी भूमि, व्यक्तिगत या गैर मजरुआ भूमि पर फलदार पौधा लगाया जाएगा। इन पौधों की देखभाल की जिम्मेवारी ग्रामीणों की होगी। उन्हें पौधों का पट्टा भी दिया जाएगा जिससे वे फलों से आमदनी कर सकें।

उन्होंने कहा कि पौधारोपण के करीब तीन वर्ष बाद प्रत्येक परिवार को 50 हजार रुपये की वार्षिक आमदनी होने की संभावना है। साथ ही फलों की उत्पादकता बढ़ने की स्थिति में फलों को प्रसंस्करण करने की भी योजना पर सरकार कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है।

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