'कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो, बस हमें रोके ना', ढाई साल के बच्चे की मां ने सुनाया घरवापसी का दर्द, देखें वीडियो
By पल्लवी कुमारी | Published: May 15, 2020 10:21 AM2020-05-15T10:21:28+5:302020-05-15T10:21:28+5:30
भारतीय रेलवे ने कहा है कि वह हर दिन 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रवासी मजदूरों के लिए चला रहा है। लेकिन अब भी कई राज्यों की सरकार ट्रेनें आने की इजाजत नहीं दे रही हैं।
नई दिल्ली: लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों अपने घरवापसी के लिए अब भी पैदल चलने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा चलाए जा रहे साधनों के बाद भी कई प्रवासी मजदूरों को कई दिनों-दिनों तक ट्रेन और बसों का इतंजार करना पड़ा रहा है। देश की सड़कों पर आप प्रवासी मजदूरों की हकीकत देखने को मिल जाएगी।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर सैकड़ों प्रवासी मजदूर मौजूद हैं। जब उन्हें पता चला कि कुछ ट्रेनें चलने वाली हैं तो उम्मीद लेकर यहां आ गए हैं लेकिन उसमें से कई दिनों तक वह वहीं बैठकर पनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली में आज (15 मई) सुबह बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पैदल ही अपने गांवों की ओर जाते दिखे। प्रवासी मजदूरों में से एक महिला बबीता ने कहा कि अगर सरकार उन्हें कोई साधन नहीं दे पा रही है तो कम से कम उन्हें पैदल ही जाने दे...उन्हें रोके ना।
मेरा घर झांसी में है, मेरा ढाई साल का बच्चा रो रहा और बस यही कह रहा कि मम्मी घर पर आ जाओ।हम पैदल चले जाएंगे,बस हमें रोके ना। कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो।यहां इंतजार करते हुए दो महीने हो गए मेरा बच्चा भूखा है वो कुछ खा नहीं रहा है: प्रवासी मज़दूरों में एक महिला बबीता https://t.co/b8Olo8hS6vpic.twitter.com/Lvh3I86K1G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2020
बबीता ने कहा, मेरा घर झांसी में है, मेरा ढाई साल का बच्चा रो रहा और बस यही कह रहा कि मम्मी घर पर आ जाओ।हम पैदल चले जाएंगे,बस हमें रोके ना। कुछ साधन नहीं दे रहें तो पैदल तो जाने दो।यहां इंतजार करते हुए दो महीने हो गए मेरा बच्चा भूखा है वो कुछ खा नहीं रहा है।
भारतीय रेलवे ने कहा है कि वह हर दिन 100 से ज्यादा ट्रेनें प्रवासी मजदूरों के लिए चला रहा है। लेकिन अब भी कई राज्यों की सरकार ट्रेनें आने की इजाजत नहीं दे रही हैं।