निजामुद्दीन मरकज: तबलीगी जमात में शामिल हुए 82 बांग्लादेशी सहित आठ देशों के 76 नागरिकों को जमानत

By भाषा | Published: July 10, 2020 03:00 PM2020-07-10T15:00:08+5:302020-07-10T17:54:30+5:30

आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील फहीम खान, मंदाकिनी सिंह, अहमद खान ने बताया कि ये लोग माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, जिबूती, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार से ताल्लुक रखते हैं।

Coronavirus Delhi lockdown Nizamuddin Markaz Tabligi Jamaat Bail to 76 citizens of eight countries including 82 Bangladeshi | निजामुद्दीन मरकज: तबलीगी जमात में शामिल हुए 82 बांग्लादेशी सहित आठ देशों के 76 नागरिकों को जमानत

आवेदन के तहत आरोपी अपना दोष स्वीकार कर लेता है और कम दंड देने की याचना करता है। (file photo)

Highlightsकोविड-19 के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में गैरकानूनी तरीके से शामिल होने के भी आरोप हैं।मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने प्रत्येक विदेशी को 10,000-10,000 रूपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी।विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील आशिमा मंडला और मंदाकिनी सिंह ने बताया कि आरोपी शुक्रवार को समझौता आवेदन (प्ली बार्गेनिंग एप्लिकेशन) देंगे।

नई दिल्लीः दिल्ली की अदालत ने तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर वीजा के नियमों, दिशा-निर्देशों की कथित अवहेलना करने के आरोपी 82 बांग्लादेशी नागरिकों को शुक्रवार को जमानत दी।

इन पर वीजा नियमों का कथित उल्लंघन करने के अलावा कोविड-19 के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में गैरकानूनी तरीके से शामिल होने के भी आरोप हैं। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने प्रत्येक विदेशी को 10,000-10,000 रूपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी।

विदेशी नागरिकों की ओर से पेश वकील आशिमा मंडला और मंदाकिनी सिंह ने बताया कि आरोपी शुक्रवार को समझौता आवेदन (प्ली बार्गेनिंग एप्लिकेशन) देंगे। इस तरह के आवेदन के तहत आरोपी अपना दोष स्वीकार कर लेता है और कम दंड देने की याचना करता है।

दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जिन मामलों में अधिकतम सजा सात वर्ष है, जो अपराध समाज की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को प्रभावित नहीं करते हों और जो अपराध महिला अथवा 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के खिलाफ न हों, उनमें समझौता आवदेन देने की इजाजत होती है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान सारे विदेशी नागरिक अदालत के समक्ष पेश किये गये थे।

प्रत्येक विदेशी को 10,000-10,000 रुपये के निजी मुचलके पर यह राहत दी

अदालत ने निजामुद्दीन मरकज मामले में आठ देशों के 76 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी। इन सभी के खिलाफ वीजा नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से मिशनरी गतिविधियों में संलिप्त होने और कोविड-19 प्रकोप के मद्देनजर लागू सरकारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के आरोप हैं। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने प्रत्येक को 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर राहत प्रदान की।

कुछ विदेशी नागरिकों की ओर से पेश हुई वकील आशिमा मंडला ने बताया कि अभियुक्त शुक्रवार को अपने प्ली बार्गेनिंग (सौदा अभिवाक्) आवेदन दायर करेंगे। इसके अंतर्गत अभियुक्त द्वारा अपराध स्वीकृति पर उसे हल्के दंड से दंडित किया जाता है, जो अन्यथा अधिक हो सकता है।

सुनवाई के दौरान सभी विदेशी नागरिकों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया गया। आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील फहीम खान, मंदाकिनी सिंह, अहमद खान ने बताया कि ये लोग माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, जिबूती, दक्षिण अफ्रीका और म्यांमार से ताल्लुक रखते हैं।

तबलीगी जमात: 62 मलेशियाई और 11 सऊदी नागरिकों को जुर्माना अदा करने पर रिहाई की अनुमति मिली

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को मलेशिया के 62 और सऊदी अरब के 11 नागरिकों को रिहाई के लिये क्रमश: 7-7 और 10-10 हजार रुपये जुर्माना भरने की अनुमति दे दी। इन विदेशी नागरिकों ने कथित रूप से वीजा समेत कई नियमों का उल्लंघन कर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान यहां तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।

इस संबंध में उन्होंने सजा कम करने के आवेदन दायर कर खुद पर लगे हल्के आरोपों को स्वीकार कर लिया था। विदेशी नागरिकों की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि मलेशियाई नागरिकों ने हल्के आरोपों को स्वीकार करके सजा कम करने की अपील की, जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने आदेश पारित किया। इस मामले में याचिकाकर्ता लाजपत नगर के एसडीएम, लाजपत नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन के निरीक्षक ने कहा कि उन्हें याचिकाओं पर कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद उन्हें रिहा करने की अनुमति दे गई।

वरिष्ठ अधिवक्ता एस हरि हरन ने कहा कि एक अन्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आशीष गुप्ता ने सऊदी अरब के विदेशी नागरिकों के मामले में आदेश पारित किया। उन्होंने भी सजा कम करने के बदले हल्के आरोप स्वीकार किए हैं। इससे पहले बृहस्पतिवार को भी इसी प्रक्रिया के तहत अदालत ने 60 मलेशियाई नागरिकों को 7-7 हजार रुपये जुर्माना अदाकर रिहाई की अनुमति दी थी। 

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