Coronavirus: विदेशों में फंसे भारतीय कब लाए जाएंगे वापस, सरकार ने दिया यह जवाब

By भाषा | Published: April 11, 2020 05:49 AM2020-04-11T05:49:04+5:302020-04-11T05:49:04+5:30

विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रवि ने कहा, “कई देशों की सरकार द्वारा अनुरोध किया गया था। हमनें कल तक 20,473 विदेशी नागरिकों को सफलतापूर्वक उनके देश भेज दिया है।” उन्होंने कहा, “यह एक प्रक्रिया है। विदेशों में फंसे भारतीयों को लेकर कुछ सवाल आए हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें हम बंद जारी होने की वजह से कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते। हमें स्थिति का आकलन करना होगा…यह निर्णय सरकार का होगा कि हम दूसरे देशों से भारतीयों को कैसे वापस लाते हैं।”

Coronavirus: Decision of bringing Indians from abroad after reviewing status of COVID 19: Modi Govt | Coronavirus: विदेशों में फंसे भारतीय कब लाए जाएंगे वापस, सरकार ने दिया यह जवाब

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsसरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत से 20,400 ज्यादा विदेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा गया है और विदेश से भारतीयों को लाने का फैसला कोविड-19 की समीक्षा के बाद किया जाएगा।सरकार ने यह भी साफ किया कि देश में अब तक वायरस से सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ है।

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत से 20,400 ज्यादा विदेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा गया है और विदेश से भारतीयों को लाने का फैसला कोविड-19 की समीक्षा के बाद किया जाएगा। सरकार ने यह भी साफ किया कि देश में अब तक वायरस से सामुदायिक प्रसार नहीं हुआ है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार गंभीर श्वास संक्रमण (एसएआरआई) से पीड़ित कोरोना वायरस संक्रमित कुल 104 मरीजों में से 40 मरीज ऐसे पाए गए जिन्होंने न विदेश यात्रा की थी और न ही वे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे।

इस अध्ययन से जुड़े एक सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया, “देश में अब तक सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है। अगर ऐसा कुछ होगा तो हम सबसे पहले आपको बताएंगे जिससे आप लोगों को सतर्क कर सकें।”

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात को लेकर चिंताओं के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के पास भंडार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 3.28 करोड़ गोलियां हैं और घरेलू जरूरतों और बफर स्टॉक रखने के बाद अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया। बहुत से लोगों द्वारा मलेरिया रोधी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना वायरस के खिलाफ इलाज में उपयोगी माना गया है।

विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रवि ने कहा, “कई देशों की सरकार द्वारा अनुरोध किया गया था। हमनें कल तक 20,473 विदेशी नागरिकों को सफलतापूर्वक उनके देश भेज दिया है।” उन्होंने कहा, “यह एक प्रक्रिया है। विदेशों में फंसे भारतीयों को लेकर कुछ सवाल आए हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें हम बंद जारी होने की वजह से कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकते। हमें स्थिति का आकलन करना होगा…यह निर्णय सरकार का होगा कि हम दूसरे देशों से भारतीयों को कैसे वापस लाते हैं।”

रवि ने कहा, “हमारे राजदूत और उच्चायुक्त सभी देशों में भारतीयों से नियमित संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव मदद दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय की कोविड-19 हेल्पलाइन चालू हैं और वहां काम कर रहे लोग इस मामलें में उनके सवालों का इस मामले में जवाब दे रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। हम उनकी वापसी के बारे में आगे समीक्षा करेंगे।” रवि ने कहा, “भारत को कुछ देशों से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन प्राप्त करने के लिये अनुरोध मिला था। घरेलू जरूरतों और पर्याप्त बफर स्टॉक का ध्यान रखने के बाद अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला लिया गया। भारत में हमारे पास पहले ही 3.28 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की गोलियां हैं।”

अग्रवाल के मुताबिक भारत के पास हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की 3.8 करोड़ गोलियां हैं जो अगले एक हफ्ते के लिये अनुमानित एक करोड़ गोलियों की अनुमानित जरूरत से तीन गुना ज्यादा है। भविष्य की जरूरत के मद्देनजर दो से तीन करोड़ अतिरिक्त गोलियों की आपूर्ति के लिये बात की जा चुकी है।

अग्रवाल ने देश में दवा की कमी नहीं होने का आश्वासन देते हुए कहा, “हॉइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की घरेलू जरूरत और उत्पादन को 100 फीसदी सुनिश्चित किया गया है सिर्फ आज केलिये ही नहीं बल्कि आने वाले समय के लिये भी। इसके साथ ही दो करोड़ दवाएं राज्यों को भी भेजी गयी हैं जिससे निजी क्षेत्र में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।”

रवि कोविड-19 समन्वयक भी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को विभिन्न देशों से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के लिये अनुरोध मिला था और उन देशों को कुछ अतिरिक्त दवाओं के निर्यात का फैसला समुचित समीक्षा के बाद लिया गया जिन्होंने पहले ही इसके लिये अनुरोध कर रखा था। कुछ दवाएं सीमित सूची में होती हैं और अन्य प्रतिबंधित सूची में। सचिवों की समिति और मंत्रिसमूह की समीक्षा के आधार पर कई दवाओं पर से पाबंदियां हटाई गई।

रवि ने कहा, “कुछ देशों ने इस खास दवा के लिये अनुरोध किया था। घरेलू उपलब्धता और हमारी जरूरतों के लिहाज से पर्याप्त बफर स्टॉक रखने के बाद मंत्रिसमूह ने अतिरिक्त दवाओं को निर्यात के उद्देश्य से जारी करने का फैसला लिया।”

उन्होंने कहा कि पहली सूची के देशों के लिए मंजूरी दी जा चुकी हैं और हम दूसरी और तीसरी सूची के देशों के लिये काम कर रहे हैं। हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि घरेलू आवश्यकता सरकार की प्राथमिकता होगी। सरकार के कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से चिंतित होने की बात करते हुए अग्रवाल ने लोगों से सामाजिक दूरी और बंद के नियमों का पूरी तरह से पालन करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, “देश में अब तक सामुदायिक प्रसार का मामला सामने नहीं आया है लेकिन हमें सतर्क रहना होगा और इस बात का पालन करना होगा कि क्या करना है और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि कल 16,002 लोगों की जांच की गई और सिर्फ 0.2 प्रतिशत मामलों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई। लिये गए नमूनों के हिसाब से संक्रमण दर बहुत ज्यादा नहीं है।” उन्होंने कहा कि रैपिड जांच किट को भी करोना वायरस जांच के लिये मंजूरी दी गई है।

आईसीएमआर के एक अधिकारी ने कहा कि देश में 146 सरकारी प्रयोगशालाएं काम रही हैं और 67 निजी प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19 की जांच के लिये मंजूरी दी गई है। अग्रवाल ने कहा, “बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक कुल 144910 नमूनों की जात की गई थी।”

उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मियों के खिलाफ दुर्व्यवहार से उनका मनोबल कम होगा और “हमें उनके साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि देश में 33 पीपीई निर्माता उपलब्ध हैं। पीपीई खरीदकर राज्यों को दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को 20.4 लाख एन-95 मास्क खरीदकर दिये गए हैं और आगे की जरूरतको ध्यान में रखकर खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा 49000 वेंटिलेटरों के लिए ऑर्डर दे दिये गए हैं और भविष्य की जरूरतों के लिहाज से आकलन किया जा रहा है।

अधिकारी ने यह भी कहा कि मीडिया में कुछ ऐसी खबरें कि रेलवे ने लॉकडाउन के बाद यात्रियों के सफर के लिये कुछ दिशानिर्देश जारी किये हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गलत और सिर्फ कयासबाजी है। अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, मुख्य सचिवो/स्वास्थ्य सचिवों के साथ कोविड-19 के प्रबंधन से जुड़ी कार्रवाई और तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। भाषा प्रशांत उमा उमा

Web Title: Coronavirus: Decision of bringing Indians from abroad after reviewing status of COVID 19: Modi Govt

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