कोरोना वायरस के संकट के बीच डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों पर हमले
By भाषा | Published: April 2, 2020 08:21 PM2020-04-02T20:21:22+5:302020-04-02T20:21:22+5:30
इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार को दो महिला डॉक्टर उस समय घायल हो गईं जब कोरोना वायरस संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए गए पांच सदस्यीय चिकित्सा दल पर लोगों ने पत्थरबाजी कर दी। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इंदौर: भारत में कोरोना वायरस की महामारी के बीच चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों पर हमले की घटनाओं ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने ऐसी घटनाओं को बरदाश्त नहीं करने की चेतावनी दी है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में सेना के जवान ने कथित रूप से एक महिला की गोली मारकर हत्या कर दी क्योंकि उसके रिश्तेदार ने जवान के परिवार को उन लोगों की सूची में शामिल किया था जो कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी के बीच आए थे।
इंदौर के टाटपट्टी बाखल में बुधवार को दो महिला डॉक्टर उस समय घायल हो गईं जब कोरोना वायरस संक्रमित के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए गए पांच सदस्यीय चिकित्सा दल पर लोगों ने पत्थरबाजी कर दी। पुलिस ने बताया कि मामला दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने चेतावनी दी कि जिला प्रशासन इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मरे 49 वर्षीय मरीज के रिश्तेदार ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और अन्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। बिहार के मुंगेर शहर में स्थानीय लोगों ने पुलिस और चिकित्सा कर्मियों पर उस समय हमला किया जब वे कोरोना वायरस संक्रमितों का नमूना लेने गए थे। कासिम बाजार पुलिस थाने के प्रभारी शैलेश कुमार ने बताया कि बुधवार को जब हजरतगंज इलाके में पुलिस, चिकित्सा कर्मी और एंबुलेंस के साथ त्वरित प्रतिक्रिया टीम गई तब लोगों ने पत्थरबाजी शुरू की दी।
उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी से पुलिस की जीप को भारी नुकसान हुआ और अतिरिक्त बल बुलाकर स्थिति को नियंत्रण में किया गया। बेंगलुरु में महिला सामाजिक कार्यकर्ता और मुंबई में एक पुरुष कर्मी पर अलग-अलग घटनाओं में तब हमला किया जब वे दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे लोगों का पता लगाने के लिए सर्वे करने गए थे।
यह जानकारी दोनों शहरों की पुलिस ने दी। बता दें कि निजामुद्दीन का कार्यक्रम देश में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरा है। राज्य की राजधानियों से आई खबरों के मुताबिक गुरुवार को 21 दिनों के लॉकडाउन (बंद)का अनुपालन कराने और पृथक रखे गए लोगों को घर में ही रखने के दौरान पुलिस कर्मियों पर हमले किए गए। बेंगलुरु में गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर सर्वे करने गए थे जहां पर उनके साथ बदसलूकी की गई और कर्नाटक सरकार को ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी करनी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों के कोरोना वायरस संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए आशा कार्यकर्ता अल्पसंख्यकों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं। वायरल हुए एक वीडियो संदेश में कृष्णवेणी नाम की आशा कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य कर्मियों का एक समूह शहर के हेगड़े नगर में गया था। वहां के स्थानीय निवासियों ने समूह के लोगों का घेराव किया, उनके मोबाइल छीन लिए और उनसे दुर्व्यवहार किया। उसने बताया, “उन्होंने हमारे बैग और मोबाइल फोन छीन लिये और हमें किसी को फोन करने नहीं दिया। मैं पिछले पांच साल से काम कर रही हूं लेकिन ऐसी स्थिति का सामना कभी नहीं किया।”
घटना की निंदा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बी श्रीरामुलु ने यह वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया और लिखा, “ डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उनकी इज्जत करें। उन पर हमला हुआ तो चुप नहीं बैठूंगा। सावधान।” महाराष्ट्र के शोलापुर में दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों की सूचना देने पर एक व्यक्ति की कथित रूप से पिटाई करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि पिंपरी गांव के 56 वर्षीय ग्रामसेवक ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले सात लोगों की जानकारी दी थी और उनकी कोरोना वायरस की जांच कराने पर भी जोर दिया था।
उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में जवान शैलेंद्र तीन लोगों के साथ अलीपुर गांव स्थित विनय यादव के घर में घुस गया और हंगामा करने लगा। इन लोगों ने कोलकाता से लौटे शैलेन्द्र और उसके परिवार का नाम बाहर से आये लोगों की सूची में डाल दिया था जिससे वो नाराज था। पुलिस के मुताबिक जब शैलेंद्र और उसके साथी विनय के साथ मारपीट करने लगे तो विनय का भाई दिनेश, भाभी संध्या उसे बचाने के लिये पहुंचे लेकिन इस दौरान शैलेंद्र ने अपनी रायफल से गोली चला दी जिससे संध्या की गोली लगने से घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय ने बताया कि कुर्रा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बिहार के मधुबनी जिले में पहले हुई घटना में चार पुलिस कर्मी उस समय घायल हो गए जब तबलीगी जमात के समर्थन में गांव के लोग एकत्र हो गए और लॉकडाउन का उल्लंघन करने लगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कर्नाटक के मंगलुरु शहर की पुलिस ने बताया कि उसने बेलथांगडी तालुका के नयातारपू गांव में दो पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मी पर हमला करने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि जब दो पुलिस आरक्षी और स्वास्थ्य कर्मी घर में पृथक रखे गए व्यक्ति को बिना किसी एहतियात के घूमने पर सवाल किया तो उसने उनपर हमला कर दिया। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक उपनिरीक्षक और आरक्षी उस समय गंभीर रूप से घायल हो गए जब लॉकडाउन कराने पर गांव वालों ने हमला कर दिया।
दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को तुगलकाबाद के रेलवे सुविधा केंद्र पर रखा गया है जिन्होंने उनकी देखभाल कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार किया और उनपर थूका। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, ‘‘ पृथक केंद्र पर रखे गए लोगों ने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और जो खाना परोसा गया उसपर आपत्ति जताई। यहां तक कि उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर थूका एवं पृथक केंद्र में घूमना बंद करने से मना कर दिया।’’