बिहार में भी कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार ने भी राज्य में महामारी अधिनियम लागू कर दिया है. इसके तहत अब जुर्माना भी वसूला जाएगा और सख्ती भी बरती जाएगी. यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को इस कानून के खंड-दो को लागू करने की बात कही थी, ताकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी परामर्श लागू किये जा सकें.
बताया जाता है कि इसके तहत यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति अस्पताल जाने से इनकार करता है या सभी से अलग रहने से इनकार करता है तो महामारी कानून की के सेक्शन 3 के तहत अधिकारी व्यक्ति को जबरन अस्पताल में भर्ती करा सकते हैं, 14 दिनों के लिए या फिर उनकी जाँच रिपोर्ट नॉर्मल आने तक दूसरों से अलग रहने के लिए बाध्य कर सकते हैं.
जब राज्य सरकार को किसी समय ऐसा लगे कि उसके किसी भाग में किसी खतरनाक महामारी का प्रकोप हो गया है या होने की आशंका है, तब अगर वो (राज्य सरकार) ये समझती है कि उस समय मौजूद कानून इस महामारी को रोकने के लिए काफ़ी नहीं हैं, तो कुछ उपाय कर सकती है. ऐसे उपाय, जिससे लोगों को सार्वजनिक सूचना के जरिए रोग के प्रकोप या प्रसार की रोकथाम हो सके.
राज्य सरकार ने सुरक्षा कारणों से राज्य के बाहर से आने वाले करीब 310 लोगों को अब तक सर्विलांस पर लिया है. इनमें से 70 से अधिक व्यक्तियों की रिपोर्ट आ चुकी है. जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि बिहार में अब तक कोरोना का एक भी केस पॉजिटिव नहीं है. बावजूद सरकार कोरोना को लेकर पूरी तरह सजग है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ कोरोना की अद्यतन स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए बैठक की। करीब 40 मिनट चली बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि आज की बैठक में मुख्य सचिव को स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से कोरोना से बचाव और जागरूक करने के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराया गया.
उन्होंने बताया की पटना में होटल पाटलिपुत्र अशोक को क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में चिन्हित करते हुए आगे की कवायद शुरू की गई है. आज देर रात तक यह होटल क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में काम करने लगेगा यहां 400 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी. पटना के साथ ही गया के एक होटल को भी चिन्हित किया जा रहा है. इस काम का दायित्व पर्यटन विभाग को सौंपा गया है.
प्रधान सचिव ने बताया कि नेपाल बिहार की सीमा पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जिलों के अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैदी से बिहार की सीमा में प्रवेश करने वाले यात्रियों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एहतियातन सरकारी इमारतों सरकारी बसों के साथ ही व्यवसायिक वाहन जैसे ओला उबेर ऑटो को भी सेनीटाइज करने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए गए हैं.
प्रधान सचिव ने बताया कि मुख्य सचिव ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही लोगों को जागरूक करने की दिशा में भी कार्य करते रहें. सामाजिक कार्यों से लोग फिलहाल थोड़ी दूरी बनाएं और साफ-सफाई की व्यवस्था रखें ताकि बीमारी उनके निकट ना आने पाए.