Coronavirus: AIIMS में बाहर के रोगियों का नहीं हो रहा इलाज, अदालत ने केंद्र और AAP सरकार से मांगा जवाब
By भाषा | Updated: May 2, 2020 05:40 IST2020-05-02T05:40:37+5:302020-05-02T05:40:37+5:30
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली की आप सरकार से जवाब मांगा जिसमें यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बाहर के 100 से अधिक उन रोगियों का नि:शुल्क उपचार करने का आग्रह किया गया है जिनका इलाज कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के चलते कथित तौर पर रोक दिया गया है।

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली की आप सरकार से जवाब मांगा जिसमें यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बाहर के 100 से अधिक उन रोगियों का नि:शुल्क उपचार करने का आग्रह किया गया है जिनका इलाज कोविड-19 के कारण उत्पन्न स्थिति के चलते कथित तौर पर रोक दिया गया है।
याचिका में दावा किया गया कि इन मरीजों को पूर्व में एम्स में उपचार मिल रहा था, लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के आने के बाद अस्पताल को कोविड-19 विशेष केंद्र में तब्दील कर दिया गया है और इसने इन रोगियों का इलाज बंद कर दिया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने केंद्र, दिल्ली सरकार और एम्स को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में दावा किया गया कि रोगियों और उनकी देखभाल के लिए मौजूद लोगों को रैन बसेरों में रखा जा रहा है जहां भौतिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।
याचिकाकार्ता करन सेठ के वकीलों ने पीठ को बताया कि इनमें से कई रोगी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।