कोरोना वायरस के चलते भारतीय पर्यटन उद्योग को भी भारी नुकसान, अब तक 300 करोड़ रुपये की चपत
By शीलेष शर्मा | Updated: March 5, 2020 16:44 IST2020-03-05T16:43:38+5:302020-03-05T16:44:57+5:30
पर्यटन उद्योग की संस्था टीआईएफटीआई के अनुसार आगरा जो ताजमहल के लिए दुनियाभर के पर्यटकों आकर्षित करता रहा है में लगातार होटलों की बुकिंग रद्द हो रही है. अकेले जे.पी. होटल में 600 कमरों की बुकिंग रद्द कराई गई. इसके अलावा ताज़,क्लार्क सी राज, मुगल, ट्राइडेंट सहित दूसरे बड़े होटलों में भी लगातार कमरों की बुकिंग रद्द हो रही है.

पर्यटन उद्योग को लगातार एक के बाद एक होने वाली घटनाओं से भारी चोट पहुंच रही है
नई दिल्ली: दुनियाभर में फ़ैल रहे कोरोना वायरस की भारी मार से पर्यटन उद्योग भी त्राहि-त्राहि कर रहा है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अकेली दिल्ली में पर्यटन उद्योग को लगभग 300 करोड़ रुपये का अब तक नुकसान उठाना पड़ा है. दिल्ली ही नहीं देश में जितने भी पर्यटन स्थल है वे सब भी इसकी चपेट में आ गए है और लगातार पर्यटकों की संख्या घटती जा रही है.
पर्यटन उद्योग की संस्था टीआईएफटीआई के अनुसार आगरा जो ताजमहल के लिए दुनियाभर के पर्यटकों आकर्षित करता रहा है में लगातार होटलों की बुकिंग रद्द हो रही है. अकेले जे.पी. होटल में 600 कमरों की बुकिंग रद्द कराई गई. इसके अलावा ताज़,क्लार्क सी राज, मुगल, ट्राइडेंट सहित दूसरे बड़े होटलों में भी लगातार कमरों की बुकिंग रद्द हो रही है. टीआईएफटीआई के प्रमुख शैलेंद्र श्रीवास्ताव का कहना है कि चीन और हांगकांग के बाद दुनिया के दूसरे देशों में जिस तरह कोरोना वायरस फैला है उससे केवल भारत ही नहीं यूरोप, सिंगापुर, सहित तमाम दूसरे देशों में पर्यटन उद्योग को भारी धक्का लगा है.
पर्यटन उद्योग को लगातार एक के बाद एक होने वाली घटनाओं से भारी चोट पहुंच रही है,इस उद्योग से जुड़े लोग बताते है कि पहले जेट एयरवेज के कारण फिर कोक्स एंड किंग, के बंद होने और इस बार जब पर्यटन के लिए सबसे अनुकूल समय था कोरोना वायरस ने ऐसी चोट इस उद्योग को पहुंचाई है कि इससे उभरना पर्यटन उद्योग के लिए हाल फिलहाल संभव नहीं है.
हैरानी की बात तोे यह है कि जब पर्यटन उद्योग कोरोना वायरस के कारण दम तोड़ रहा है भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है जो बता सके कि इस उद्योग पर कोरोना का कितना असर हुआ है. सूत्र बताते है कि पर्यटन मंत्रालय ने अभी तक इस दिशा में ना तो कोई चर्चा की है और ना ही इसका कोई अध्ययन कराया है.
कोरोना के खतरे को देखते हुए विदेश मंत्रालय जिस तरह भारत के लिए दिये गये वीजा, ई-वीजा, आगमन पर वीजा को रद्द किया है उससे भी पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचा है. ताजा आंकड़े बताते है कि जिन देशों से सर्वाधिक पर्यटक भारत आते थे उन्होंने अपनी यात्राएं रद्द कर दी है इनमें मुख्य रुप से एशियाई देश, खाड़ी के देश, और यूरोप शामिल है. अब इन देशों के पर्यटक बड़ी संख्या में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की तरफ रुख कर रहे है.
मोटे-मोटे तौर पर दस में से एक व्यक्ति पर्यटन के लिए निकलता है. लेकिन अब बामुशिकल सौ में से एक व्यक्ति ही पर्यटन के लिए निकल रहा है. हालांकि देशी पर्यटकों की संख्या में कोई बहुत बड़ी गिरावट नहीं देखी गयी है. जिसे टीएएफआई के अध्यक्ष जितुल मेहता ने स्वीकार किया है. दूसरी ओर पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ताजमहल में विदेशी पर्यटकों की संख्या में कोरोना के कारण भारी कमी आई लेकिन देशी पर्यटकों की संख्या जस की तस बनी हुई है.