अहमदाबादःगुजरात में मंगलवार को संक्रमण के 239 नए मामने सामने आने के साथ ही कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2100 को पार कर गयी। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 239 नए मामलों में अधिकतर अहमदाबाद के हैं।
राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या 2178 हो गयी है। आज गुजरात में 112 नए कोरोना वायरस पॉजिटिव केस मिले हैं। 13 मौतें भी हुई हैं। पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 2178 हो गई है, मरने वालों की संख्या 90 हो गई है।
अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद में 130 नए मामले सामने आए, सूरत में 78, वडोदरा में छह, अरावली और बनासकांठा में पांच-पांच, वलसाड में तीन, बाटोड और राजकोट में दो-दो, मेहसाणा, भरूच, दाहोद, साबरकांठा, नवसारी, गिर सोमनाथ, खेडा और तापी में एक-एक मामला सामने आया।
प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) जयंति रवि ने बताया कि आठ और मरीजों को छुट्टी मिलने के साथ अब तक 189 लोग ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में तीन मरीजों को, मेहसाणा में दो तथा कच्छ, आणंद और गिर सोमनाथ जिले में एक-एक मरीज को छुट्टी मिली है । रवि ने बताया कि राज्य में वर्तमान में संक्रमण के 1949 मामलों में से 14 मरीज वेंटिलेटर पर हैं ।
कोविड-19: गुजरात में 28,000 डॉक्टर आईएमए के प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे
देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सा कर्मियों के साथ हिंसा और भेदभाव की कई घटनाओं के खिलाफ गुजरात में कम से कम 28,000 डॉक्टर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के आह्वान पर होने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। आईएमए की गुजरात इकाई के सचिव डॉक्टर कमलेश सैनी ने कहा कि राज्य के 28,000 डॉक्टर 22 अप्रैल को अपने-अपने स्थानों पर रात नौ बजे हाथ में मोमबत्ती लेकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
सैनी ने कहा, ‘‘ देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टरों के साथ हुई कई हिंसक घटनाओं और भेदभाव के बाद आईएमए मुख्यालय ने इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का इलाज करते-करते जान गंवा देने वाले डॉक्टर को चेन्नई में दफनाने देने से भी स्थानीय लोगों ने मना कर दिया।
कई डॉक्टरों के साथ मार पीट हुई, उन्हें धमकियां मिलीं और अपनी ड्यूटी की वजह से अपने घर में प्रवेश से रोका गया।’’ उन्होंने कहा कि आईएमए की मांग है कि केंद्र सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक कड़ा अधिनियम पारित करे और उनके सम्मान की रक्षा करे। सैनी ने कहा, ‘‘ अगर सरकार आश्वासन देने या अध्यादेश लाने में विफल रहती है तो 23 अप्रैल को अपने हाथों पर काला पट्टा बांधकर डॉक्टर काला दिवस मनाएंगे।’’