Coronavirus: 179 नए मामले दर्ज, भारत में एक दिन में दर्ज मामलों की यह सर्वाधिक संख्या

By भाषा | Published: March 29, 2020 05:55 AM2020-03-29T05:55:12+5:302020-03-29T05:55:12+5:30

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस विषाणु से अब तक महाराष्ट्र में पांच, गुजरात में तीन, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दो-दो और तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

Coronavirus: 179 new cases, this highest number of cases registered in a day in India | Coronavirus: 179 नए मामले दर्ज, भारत में एक दिन में दर्ज मामलों की यह सर्वाधिक संख्या

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsभारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 179 नए मामले दर्ज किए गए और इसके साथ ही देश में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 918 हो गई। यह एक दिन में कोरोना वायरस से देश में संक्रमित होने वालों की सर्वाधिक संख्या है।इस बीच, सरकार ने जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) की खरीदारी समेत स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रयास तेज कर दिए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष’ नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है।

भारत में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 179 नए मामले दर्ज किए गए और इसके साथ ही देश में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 918 हो गई। यह एक दिन में कोरोना वायरस से देश में संक्रमित होने वालों की सर्वाधिक संख्या है। इस बीच, सरकार ने जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) की खरीदारी समेत स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रयास तेज कर दिए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष’ नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है जहां लोग कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की लड़ाई में मदद एवं योगदान दे सकते हैं।

प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे। केंद्र ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे 21 दिवसीय बंद (लॉकडाउन) के कारण प्रभावित प्रवासी मजदूरों को भोजन एवं आश्रय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसके लिए अगले वित्त वर्ष में 29,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। निजी चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों के संसाधनों को कोरोना वायरस से निपटने के काम में लगाया जा रहा है। इसके अलावा, रेलवे ने कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए गैर वातानुकूलित कोच को पृथक वार्ड में तब्दील कर एक प्रोटोटाइप बनाया है।

कोविड-19 रोगियों को उपचार मुहैया कराने के लिए सशस्त्र बलों ने सेना के 28 अस्तपालों को तैयार रखा है। इसके अलावा पांच अस्तपाल संक्रमण से पीड़ित लोगों की जांच में लगे हुए हैं। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद शनिवार को 918 पहुंच गई और संक्रमण की वजह से कुल 19 लोगों की मौत हो गई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इस विषाणु से अब तक महाराष्ट्र में पांच, गुजरात में तीन, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में दो-दो और तमिलनाडु, बिहार, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

केरल के अधिकारियों के अनुसार एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे 69 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई। राज्य में इस संक्रामक रोग से मौत का यह पहला मामला है। इस मामले को अभी केंद्रीय आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शाम पौने छह बजे जारी किए ताज़ा अपडेट के मुताबिक, देश में कोविड-19 के 819 मरीजों का अभी उपचार किया जा रहा, जबकि 79 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और एक मरीज विदेश चला गया है।

आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 918 मामले हैं जिनमें 47 विदेशी नागरिक शामिल हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में कोविड​​-19 के सबसे अधिक मामले सामने आये हैं। महाराष्ट्र में अभी तक 210 मामले सामने आये हैं। इसके बाद केरल का नम्बर है जहां ऐसे 187 मामले हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक संचार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) स्तर तक पहुंचने के खतरे के बीच भारत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, जीवन रक्षक प्रणालियों (वेंटिलेटर) की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सामुदायिक संचार की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में बढ़ोतरी इतनी अधिक नहीं है कि जिससे यह संकेत मिले कि वायरस तेजी से फैल रहा है। आईसीएमआर यह कहता रहा है कि अभी तक सामुदायिक संचार का ‘‘कोई पुख्ता सबूत’’ नहीं है। कोरोना वायरस को काबू करने के प्रयासों के तहत मंगलवार आधी रात से शुरू हुए 21 दिन के बंद के बावजूद प्रवासी श्रमिकों के बड़ी संख्या में अपने गृहराज्यों की ओर पलायन ने संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से बीते 24 घंटों में दो मौत सहित 149 नये मामले सामने आए।

देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति पर एक मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि सामाजिक मेल मिलाप को कम करने तथा बंद को 100 फीसदी सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त प्रयास किये जा रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां इस बीमारी के अत्यधिक मामले सामने आए हैं। साथ ही राज्यों के साथ, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्कों का पता लगाने, सामुदायिक निगरानी और इस बीमारी की रोकथाम की रणनीति के कड़ाई से कार्यान्वयन के लिए काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हर राज्य में कोविड-19 के लिए अस्पतालों की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है और खास तौर पर कोविड-19 के लिए अस्पताल और खंड तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पृथक और सघन देखभाल इकाई में बेड के साथ ही अन्य जरूरी साजोसामान की उपलब्धता बढ़ाने के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं। संयुक्त सचिव ने कहा कि 17 राज्यों ने अब तक इस पर काम शुरू कर दिया है और देश भर में डॉक्टरों को कोविड-19 रोगियों की देखभाल के बारे में दिल्ली स्थित एम्स की मदद से प्रशिक्षित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “एम्स द्वारा अगले 5-7 दिनों में देखभाल में जुटे कर्मियों के ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिये एक श्रृंखला शुरू की जाएगी। इनमें कोविड-19 के मरीजों और संदिग्ध मामलों की देखभाल से जुड़ा प्रशिक्षण शामिल है।” अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने शनिवार को कोविड-19 मामलों की बेहतर देखरेख के लिये एम्स में रोजाना चौबीसों घंटे चालू रहने वाली राष्ट्रीय टेली-मेडिसीन सुविधा शुरू की । इसके जरिये अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को कोविड-19 मरीजों के प्रबंधन के लिए नैदानिक मार्गदर्शन दिया जाएगा।

आईसीएमआर में महामारी एवं संचारी रोग विभाग (एपीडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज डिपार्टमेंट) के प्रमुख रमण आर गंगाखेडकर ने कहा कि कोविड-19 के लिये संशोधित दिशानिर्देश के मुताबिक श्वसन संबंधी बेहद गंभीर बीमारी (एसएआरआई) के सभी मरीजों की कोरोना वायरस संक्रमण जांच की जा रही है। सामुदायिक प्रसार की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ एसएआरआई मरीजों की जांच शुरू की है। भारत में जांच की क्षमताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश भर में अभी 111 सरकारी प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं और निजी क्षेत्र को इसमें शामिल कर इसे बढ़ाया गया है।

गंगाखेडकर ने कहा, “अभी हम अपनी सिर्फ 30 फीसद क्षमता का इस्तेमाल कर रहे हैं। 44 प्रयोगशालाओं को जांच के लिये मंजूरी दी गई है और निजी क्षेत्र द्वारा 400 लोगों की जांच की गई है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका से आयातित 5 लाख किट पहुंच चुके हैं जिसका मतलब है हम पांच लाख और लोगों की जांच कर सकते हैं। इसके अलावा प्रयोगशालाओं के पास एक लाख और लोगों की जांच करने के लिए सुविधा उपलब्ध है। सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर बनाने का काम दिया गया है जबकि प्रतिष्ठित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला डीआरडीओ चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण के निर्माण में लगा हुआ है और रोगियों की देखभाल में लगे विभिन्न एजेंसियों को सेनिटाइजर और मास्क की आपूर्ति कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ नामक ट्रस्ट बनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, ‘‘ कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चिंताजनक हालात जैसी किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या संकट से निपटने के लिये एक विशेष राष्ट्रीय कोष बनाने की आवश्यकता और इससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक परमार्थ ट्रस्ट बनाया गया है।’’ प्रधानमंत्री इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री एवं वित्त मंत्री शामिल हैं।

राहत कोष की जानकारी देते हुए मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष स्वस्थ भारत बनाने में काफी सहायक होगा । ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 के खिलाफ भारत के युद्ध में सभी वर्गों से लोगों ने दान देने की इच्छा व्यक्त की थी । ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष का गठन इसी भावना को ध्यान मे रखते हुए किया गया है ।

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसीमा में विमान उड़ रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान आईसीएमआर के उपकरण अपने गंतव्य तक सही समय पर पहुंच सकें। केंद्र ने अस्पतालों से कहा है कि गैर जरूरी सभी सर्जरी को स्थगित किया जाए। निजी अस्पतालों ने भी सुविधाओं में विस्तार किया है और भविष्य में रोगियों की संख्या बढ़ने पर विशिष्ट टीमों का गठन किया है।

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