Corona Warriors: 15 माह की बीमार बेटी को छोड़कर जाना नहीं चाहता था डॉक्टर, निभाया ड्यूटी का फर्ज, रास्ते में मिली मौत की खबर
By गुणातीत ओझा | Published: April 30, 2020 08:03 AM2020-04-30T08:03:31+5:302020-04-30T08:03:31+5:30
होशंगाबाद। दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी ने न जाने कितने घरों की खुशियां छीन लीं। अनगिनत बच्चे अनाथ हो गए। कई घरों के चिराग बुझ गए। लेकिन जंग अब भी जारी है। जानलेवा कोविड-19 वायरस से इस जंग में अग्रिम मोर्चे पर डटे योद्धा स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी हैं। घर-परिवार का मोह छोड़ ये कोरोना योद्धा अपने फर्ज को तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में इनके घर वालों का भी बहुत बड़ा योगदान है। डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों के परिजनों के त्याग को भी कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस कड़ी में मध्यप्रदेश के होशंगाबाद से दिल को झकझोर देने वाली एक खबर आई है। होशंगाबाद के रहने वाले डॉक्टर को उसके 15 माह की बेटी के मौत की खबर मिली तो उसके होश उड़ गए। डॉक्टर कुछ दिन पहले ही न चाहते हुए भी बीमार बेटी को घर पर छोड़कर ड्यूटी करने आए थे।
Hoshangabad: 15-month-old daughter of a doctor Devendra Mehra passed away while he was on duty in Indore.He says,"She had hydrocephalus,I didn't want to leave home while she was sick but thought my services were needed.After she passed away, ADM gave me permission to travel here" pic.twitter.com/diyo5oGULz
— ANI (@ANI) April 29, 2020
हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में रहने वाले डॉक्टर देवेंद्र मेहरा की। कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद जिम्मेदारी बढ़ने से उन्हें ज्यादा से ज्यादा वक्त अस्पताल में बीताना पड़ रहा है। वह इंदौर के सरकारी अस्पताल में तैनात हैं। इस संकट की घड़ी में डॉक्टर देवेंद्र के लिए बड़ी मुश्किल तब खड़ी हो गई जब उनकी 15 माह की बेटी बीमार हो गई। वे अपनी बेटी को देखने के लिए घर तो गए लेकिन उसके वक्त नहीं बिता सके। ड्यूटी का फर्ज निभाने के लिए उन्होंने बेटी का मोह त्याग दिया और अस्पताल के लिए रवाना हो गए।
उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन ही की होगी कि बेटी के मौत की खबर आ गई। बता दें कि इंदौर से होशंगाबाद की दूरी दो सौ किलोमीटर से ज्यादा है। बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद डॉक्टर देवेंद्र, एडीएम से छुट्टी लेकर घर के लिए रवाना हुए। होशंगाबाद पहुंचने के बाद उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बताया कि उनकी बेटी काफी दिनों से बीमार चल रही थी। मैं उसे देखने आया था, उसे छोड़कर वापस जाने का दिल नहीं कर रहा था। लेकिन ड्यूटी भी जरूरी थी। ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद बेटी के मौत की खबर मिली तो मुझे होशंगाबाद आना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को (hydrocephalus) बीमारी थी।