नई दिल्लीः देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामले के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को लोगों से नहीं घबराने की अपील की और कहा कि उसका ध्यान इसकी रोकथाम और नियंत्रण पर है और देशभर में कोविड-19 की जांच की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 73 पॉजिटिव मामले दर्ज़ किए गए हैं जिसमें से 56 भारतीय हैं और 17 विदेशी (इटली और कनाडा से) हैं। 948 लोगों को विदेशों से भारत लाया गया है। भारतीयों की संक्रमित देशों की गैरजरूरी यात्रा पर रोक लगाई गई है।
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं। हमेशा मास्क लगाने की जरूरत नहीं। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखता है, तो उसे मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने कहा कि हम कोरोना वायरस को आइसोलेट करने में कामयाब हुए हैं। वायरस का वैक्सीन आने में कम से कम 1.5 से 2 साल लग जाएंगे।
मंत्रालय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसका किसी भी सामुदायिक स्तर पर फैलने का कोई उदाहरण नहीं मिला है, इसका फैलाव केवल स्थानीय स्तर पर है; इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के मद्देनजर, मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस को अलग करना मुश्किल है, टीके को विकसित करने में कम से कम डेढ़ से दो साल लगेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर प्रयास कर रहा है। हमारा ध्यान इसकी रोकथाम पर केंद्रित है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित 73 लोगों के संपर्क में आने वाले 1500 से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत में नामित 30 हवाई अड्डों पर अब तक 10.5 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। जब उनसे पूछ गया कि क्या उच्च तापमान से कोरोना वायरस खत्म हो सकता है, तो इसपर अधिकारियों ने कहा कि यद्यपि फ्लू गर्मियों में सामान्य बात नहीं है, लेकिन इसको लेकर कोई अध्ययन या सबूत नहीं है कि उच्च तापमान कोरोना वायरस को खत्म करने में मददगार हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आईसीएमआर यह जांचने के लिए निगरानी शुरू करेगा कि क्या कोई संक्रमित व्यक्ति बिना जांच के तो नहीं रह गया है।