कोरोना वायरसः किराया माफ पर आनलाइन अभियान, बेरोजगार युवकों और छात्रों ने ट्विटर पर ‘‘हैशटैग नोरूमरेंट’’ मुहिम चलाई

By भाषा | Published: May 1, 2020 02:26 PM2020-05-01T14:26:24+5:302020-05-01T14:26:24+5:30

देश भर में 3 मई तक लॉकडाउन है। इस बीच जयपुर में बेरोजगार युवक और छात्रों ने आनलाइन अभियान शुरू किया है। सरकार से कहा कि हमारा किराया माफ किया जाए। हम लोगों के पास किराया देने के लिए पैसा नहीं है।

Corona virus India lockdown Online Campaign Rent Waiver Unemployed Youth and Students Launched "Hashtag Normant" on Twitter | कोरोना वायरसः किराया माफ पर आनलाइन अभियान, बेरोजगार युवकों और छात्रों ने ट्विटर पर ‘‘हैशटैग नोरूमरेंट’’ मुहिम चलाई

हम चाहते है कि सरकार कमरे का किराया माफ और कोचिंग फीस माफ करे। (file photo)

Highlightsराज्य के बेरोजगार युवक और छात्रों ने अपने अपने कमरों का किराया माफ कराने के लिए आनलाइन अभियान शुरू किया है।लॉकडाउन के दौरान हर व्यक्ति को नुकसान हो रहा है और हमें भी हो रहा है। हम चाहते है कि लॉकडाउन के समय का किराया माफ किया जाये।

जयपुरः कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे राज्य के बेरोजगार युवक और छात्रों ने अपने अपने कमरों का किराया माफ कराने के लिए आनलाइन अभियान शुरू किया है।

आर्थिक संकट, बेरोजगारी और भविष्य में कोई उम्मीद नहीं दिखने के बीच कुछ बेरोजगार युवकों और छात्रों ने ट्विटर पर ‘‘हैशटैग नोरूमरेंट’’ मुहिम चलाई है जो इन दिनों ट्विटर पर चल रहे विषयों में से एक है। सुमित महर्षी ने लिखा 'हम लोग बेरोजगार है और असहाय है। लॉकडाउन के दौरान हर व्यक्ति को नुकसान हो रहा है और हमें भी हो रहा है। हम चाहते है कि लॉकडाउन के समय का किराया माफ किया जाये। हम चाहते है कि सरकार कमरे का किराया माफ और कोचिंग फीस माफ करे।'

एक अन्य युवक सन्नी जोशी ने लिखा कि लॉकडाउन के चलते जब हम अपने घर आ गये है और शहर में किराये पर लिये गये कमरे में केवल सामान रखा हुआ है तो हमें उस कमरे का किराया क्यों देना चाहिए। बेरोजगार छात्रों के लिये कुछ करिये। कुछ लोग कोचिंग फीस और कमरे के किराये की माफी की मांग कर रहे है वहीं कई बेरोजगार युवक सरकार से वरिष्ठ व्याख्याता, आयुर्वेद, क्लर्क, फार्मासिस्ट और पुलिस सहित अन्य लंबित सरकारी रिक्तियों को भरने की मांग कर रहे है। इसे राज्य में उत्पन्न एक प्रमुख मुद्दा मानते हुए कुछ नेता और कार्यकर्ता भी इस मुहिम में शामिल हो गए। गुर्जर समाज के नेता हिम्मत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

सिंह ने कहा, ‘‘ मैं आपसे (मुख्यमंत्री अशोक गहलोत) निवेदन करना चाहता हूं कि शहरों में पढ़ने वाले छात्रों के कमरे का किराया माफ किया जाए। वे कृषि पर निर्भर परिवारों से आते हैं। तीन महीने के लिए कमरे का किराया लगभग 20,000 रुपये है। मुझे आशा है कि आप इस पर संज्ञान लेंगे।’’ राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के नेता उपेन यादव ने भी लंबित रिक्तियों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए बेरोजगारों के कमरों का किराया माफ करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों का कमरे का किराया माफ किया जाना चाहिए। लॉकडाउन से पहले छात्रों द्वारा जमा की गई फीस या तो वापस कर दी जानी चाहिए या समायोजित कर दी जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले माह मार्च के अंतिम सप्ताह में एक आदेश जारी किया था जिसमें मकान मालिकों को छात्रों, श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों से किराए नहीं वसूलने को कहा गया था। पूरे राज्य में 22 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित 58 मरीजों की मौत हो चुकी है और 2556 संक्रमित मरीजों के मामले सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों का पता लगाने के लिए राज्यस्तरीय सर्वे और स्क्रीनिंग का काम जारी है। 

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