कोविड-19ः गृह मंत्रालय ने कहा-अहमदाबाद, सूरत, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई में स्थिति विशेष रूप से गंभीर
By भाषा | Published: April 24, 2020 06:11 PM2020-04-24T18:11:17+5:302020-04-24T18:11:17+5:30
जो क्षेत्र कंटेंनमेंट या हॉट स्पॉट नहीं है वहां 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों की अनुमति दी गई है। लेकिन गलत व्याख्या की वजह से आशंका थी कि फैक्ट्री में कोविड केस मिलने पर फैक्ट्री के CEO को सज़ा हो सकती है या फैक्ट्री 3महीने के लिए सील हो सकती है।
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के संबंध में अहमदाबाद, सूरत, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। कल गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि 15 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से पैदा हुई स्थिति अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई सहित बड़े या उभरते हॉटस्पॉट इलाकों में विशेष रूप से गंभीर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन उल्लंघन के मामले सामने आना लोगों के स्वास्थ्य के लिये एक गंभीर खतरा है और इसकी वजह से कोरोना वायरस संक्रमण फैल सकता है।
बयान में कहा गया है, ‘‘बड़े हॉटस्पॉट जिलों या उभरते हॉटस्पॉट शहरों, जैसे कि अहमदाबाद और सूरत (गुजरात), ठाणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है।’’ उल्लेखनीय है कि ‘हॉटस्पॉट’ कोरोना वायरस से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र को कहा जा रहा है। इससे पहले दिन में गृह मंत्रालय ने अंतरमंत्रालयी टीमें गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु भेजी, ताकि जमीनी हालात का आंकलन किया जा सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात, तेलंगाना और तमिलनाडु में कोविड-19 की स्थिति का जायजा लेने के लिए चार नये अंतर मंत्रालयी दलों को भेजा है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में गये ये दल अहमदाबाद, सूरत (गुजरात), हैदराबाद (तेलंगाना) और चेन्नई (तमिलनाडु) का दौरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि इससे पहले छह अंतर मंत्रालयी दलों का गठन किया गया था और उन्हें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए भेजा गया। इनमें से दो दलों को पश्चिम बंगाल भेजा गया। एक दल कोलकाता, हावड़ा, उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर गया तथा दूसरा दल जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग तथा कालिम्पोंग गया है। इन दलों में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हैं।
राज्य सरकारें कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए इनकी विशेषज्ञता का लाभ उठा सकती हैं। दलों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 35 के तहत केंद्र सरकार को प्राप्त अधिकारों के तहत भेजा गया है। कानून की उक्त धारा में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार आपदा प्रबंधन के लिए ऐसे सभी कदम उठाएगी जो उसे जरूरी और कारगर लगते हैं।’’
श्रीवास्तव ने बताया कि पहले भेजे गये छह दलों ने राज्य सरकारों के साथ अपनी टिप्पणियां और निष्कर्ष साझा किये हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर भेजे गये दल ने रिपोर्ट दी कि शहर में 171 नियंत्रण क्षेत्र हैं जिनमें से 20 गंभीर हैं। उसने बताया है कि शहर में पर्याप्त किट, निजी सुरक्षा उपकरण, मास्क और अन्य सुरक्षा संसाधन उपलब्ध हैं तथा लॉकडाउन के कदमों का उचित तरीके से पालन किया जा रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि मुंबई गये अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) ने धारावी में चल शौचालय उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।