वुहान में दूसरी लहर देखी जा रही, लॉकडाउन पर विशिष्ट, ठोस मार्गदर्शन करें, सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी से अनुरोध किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 11, 2020 08:59 PM2020-05-11T20:59:27+5:302020-05-11T20:59:27+5:30
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरा सुझाव है कि लॉकडाउन पर कोई भी कार्रवाई सावधानी से की जानी चाहिए, मेरा अनुरोध है कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य को केंद्रीय बल तैनात किया जाए क्योंकि पुलिस भारी दबाव में है और जवान भी संक्रमित हो रहे हैं
नई दिल्ली/मुंबईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5वीं बार राज्य के मुख्यमंत्री से बात की। लॉकडाउन और कोरोना वायरस सहित कई मुद्दे पर चर्चा की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि आपात सेवाओं के कर्मचारियों के लिए मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू करें।
पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि मई में मामले चरम पर होने की उम्मीद है, ये जून या जुलाई में भी चरम पर पहुंच सकते हैं। मैंने पढ़ा है कि वुहान में मामलों की दूसरी लहर देखी जा रही है, यहां तक कि WHO ने इस बारे में चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि लॉकडाउन पर ‘‘विशिष्ट एवं ठोस मार्गदर्शन’’ करें। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार को मोदी की मुख्यमंत्रियों से ऑनलाइन वार्ता के दौरान ठाकरे ने यह बात कही।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि ठाकरे ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘लॉकडाउन पर हमारा विशिष्ट एवं ठोस मार्गदर्शन करें, राज्य वही लागू करेंगे।’’ बयान में कहा गया है कि ठाकरे ने मोदी से आग्रह किया कि मुंबई में आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारियों के लिए लोकल ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए।
I request that if the need arises the state should be given central forces as police are under heavy pressure and their personnel are also getting infected: Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray during video conference with Prime Minister Narendra Modi today #COVID19https://t.co/bL4lrVtmsj
— ANI (@ANI) May 11, 2020
मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में मोदी ने चुनौतियों से निपटने के लिए संतुलित रणनीति बनाने पर जोर दिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से निपटने,आर्थिक गतिविधियों को तेज करने और लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाने के उपायों को लेकर सोमवार को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि आगे के रास्ते एवं सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर संतुलित रणनीति बनानी होगी और लागू करनी होगी।
मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत में कहा, ‘‘आज आप जो सुझाव देते हैं, उसके आधार पर हम देश की आगे की दिशा तय कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारत खुद को कोविड-19 से सफलतापूर्वक सुरक्षित रख पाया है, राज्यों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा, ‘‘जहां भी हमने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया, हमारी समस्याएं बढ़ गयीं।’’
उन्होंने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रियायतों के बाद भी कोविड-19 को गांवों तक फैलने से रोकने की होगी। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आपात सेवाओं के कर्मचारियों के लिए मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं। दूसरी तरफ, तमिलनाडु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि 31 मई तक ट्रेन सेवाओं की अनुमति ना दें।
शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण भारत की तरफ श्रमिकों के पलायन और मजदूरों के अपने घर जाने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली में आने वाली समस्याओं पर भी इस बैठक में चर्चा की गयी। कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत कई मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए।
गौरतलब है कि रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ बैठक के दौरान राज्यों के मुख्य सचिवों ने उन्हें बताया था कि कोविड-19 से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी चरणबद्ध तरीके से बहाल करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ पिछली बार 27 अप्रैल को बातचीत किये जाने के बाद से कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 28,000 के आंकड़े से बढ़ कर करीब 67,000 पर पहुंच गई है।
बैठक के कुछ दिनों बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि और दो हफ्तों के लिये 17 मई तक बढ़ा दी थी। हालांकि, आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आवाजाही में कुछ छूट दी गई थी। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च से लागू है। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले यह बैठक हुई है। दूसरा चरण तीन मई को समाप्त हुआ था, जबकि पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त हुआ था।
इनपुट भाषा