पटना: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोरोना योद्धाओं का प्लाज्मा लिया जा रहा है. कोरोना से जंग जीत चुके बिहार पुलिस के जवान अब अपना प्लाजमा डोनेट करेंगे. दरअसल, प्लाज्मा डोनेशन का अभियान चलाया जा रहा है. इसी कडी में अब पुलिस मुख्यालय ने एक पत्र जारी कर उन सभी पुलिसकर्मियों को प्लाज्मा डोनेट करने का आदेश दिया है, जिन्होंने कोरोना को मात दी है. ये लोग दूसरों को संक्रमण से लड़ने में मदद करने के लिए अपने प्लाज्मा दान करेंगे.
पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी एडीजी, वरीय पुलिस अधीक्षक और एसपी को पत्र लिखा गया है. डोनेशन के लिए पुलिसकर्मियों की एक लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया गया है. इनलोगों क माध्यम से कोरोना संक्रमण को मात दे चुके पुलिसवालों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की गई है. ताकि कोरोना से जूझ रहे अन्य लोगों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी से हो सके. वहीं, बिहार में आज 1076 लोग कोरोना पॉजिटव मिले हैं.
इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढकर 27455 हो गई है. इसबीच, राज्य में कोरोना के बढते संक्रमण के बीच मरने वालों की तादाद भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे के भीतर 9 और लोगों की मौत हुई है. जिसके कारण मरने वालों का आंकडा अब 217 हो गया है. सबसे ज्यादा डर 50 से ज्यादा उम्र के लोगों को है. बिहार में लोगों की मौत कोरोनावायरस की वजह से हुई वह सभी 50 से ज्यादा उम्र के थे. मरने वालों में कांटी एनटीपीसी के एजीएम भी शामिल हैं. मरने वाले में से दो लोग पटना के रहने वाले हैं. पटना एम्स के नोडल पदाधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर से कांटी स्थित एनटीपीएसी के एजीएम 57 साल के जितेंद्र कुमार सिंह की कोरोना से मौत हो गई. वे यूपी के बलिया के बहुआरा के रहने वाले थे और कुछ ही दिन पहले भागलपुर के कहलगांव से ट्रांसफर होकर कांटी आए गए थे.
उधर, कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए फिर से लॉकडाउन के बावजूद राजधानी पटना शहर के स्टेशन चौक सहित जगह-जगह इसकी धज्जियां उडती दिख रही हैं. स्टेशन गोलंबर के पास ही चाऊमीन और छोले-भटूरे की दुकानें ठेले पर खुलेआम चलती दिख जाती हैं. वहीं, फिजिकल डिस्टेंसिग क्या होता है, इसका तो नामोनिशान तक नजर नही आता है. सबसे मजेदार बात तो यह है कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में होता है और सभी अपने धंधे में मशगूल रहते हैं. लॉकडाउन का पालन कराने के लिए तैनात पुलिस बल अपने कर्तव्य के पालन की अनदेखी करते देखे जा रहे हैं. वहीं, दुकानों पर खरीदारी के दौरान लेन-देन होने वाले रुपयों को सैनिटाइज नहीं होने और उससे संक्रमण की चिता बनी हुई है. शहर के स्टेशन गोलंबर के पास तैनात पुलिस बल बगैर मास्क वाले लोगों को अगाह करने के बजाय अपने आप में मशगूल दिख जाते हैं. इनके सामने से मास्क विहीन लोग आराम से गुजर जाते हैं, लेकिन इनपर कोई असर नही होता है. इतना ही नहीं, कई मास्क विहीन लोगों से ये खुलेआम बातचीत करते हैं, लेकिन ऐसे लोगों में मास्क के प्रयोग को सुनिश्चित नहीं कराते हैं.
इसबीच, लॉकडाउन के दौरान भी काम में जुटे बैंककर्मी अब इसके चपेट में तेजी से आते जा रहे हैं. कोरोना के कारण राज्य में अब तक एक दर्जन से ज्यादा बैंक अधिकारियों और कर्मियों की मौत हो चुकी है. सिर्फ पटना में ढाई सौ से अधिक बैंककर्मी संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं पूरे बिहार की बात की जाए तो अबतक एक हजार से अधिक बैंककर्मी कोरोना की जद में आ गए हैं. हालांकि बैंक कर्मियों के संक्रमण का अलग से कोई आंकडा राज्य सरकार के पास उपलब्ध नहीं है. तेजी से बैंक कर्मियों के संक्रमित होने के मामले सामने आते देख राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, इसे ज्ल्द ही वित्त मंत्री को सौंपा जाएगा. फिर इन मांगों को राज्य के माध्यम से इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय तक पहुंचाया जायेगा, ताकि बिहार में तेजी से खराब होते हालात को देखते हुए बैंकों के लिए खास नियम या मानकों को लागू कराया जा सके.