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कोरोना महामारीः त्रिपुरा सरकार ने लिया फैसला, अनुमति के बाद ही AC चलाएं, सरकारी कार्यालयों में बिजली, टेलीफोन के बिल में 10 फीसदी कटौती

By भाषा | Updated: April 25, 2020 19:00 IST

त्रिपुरा सरकार ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कई फैसले किए। सरकारी कार्यालयों को बिजली और टेलीफोन के बिल में 10 फीसदी कटौती कर दी। इसके बाद बिना अनुमति ‘एयरकंडीशनर’ का प्रयोग न करें।

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ठळक मुद्देबैठक में यह भी फैसला लिया गया कि कार्यालयों में टीवी एवं केबल कनेक्शन के उपयोग का आकलन किया जाएगा।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मितव्ययिता के ये उपाय तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो जाएंगे।

अगरतलाः त्रिपुरा सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते खर्चों में कमी लाने के तहत सरकारी कार्यालयों को बिजली और टेलीफोन के बिल में 10 फीसदी कटौती करने और अनुमति के बाद ही ‘एयरकंडीशनर’ (एसी) का उपयोग करने का निर्देश दिया है।

मंत्रिपरिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि कार्यालयों में टीवी एवं केबल कनेक्शन के उपयोग का आकलन किया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मितव्ययिता के ये उपाय तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो जाएंगे। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है।

ऐसे में यह कदम लॉकडाउन के चलते पैदा होने वाली आर्थिक चुनौतियों से निपटने के उठाया गया प्रतीत होता है। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने बृहस्पतिवार को राज्य के कोविड-19 मुक्त होने की घोषणा की थी। सभी विभागों को केंद्र प्रायोजित कल्याण योजनाओं के आकस्मिक बजट का ‘‘आदर्श उपयोग’’ करने के लिए कहा गया है, ताकि राज्य सरकार पर कोई भार न पड़े। सरकारी कार्यालयों और अन्य इकाइयों में नियमित खर्च में कटौती करने के लिए कर्मचारियों को कागज के उपयोग से बचने के लिए ईमेल का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘सभी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, स्वायत्त संगठनों और सहकारी समितियों को बिजली और टेलीफोन बिल को 10 प्रतिशत कम करने का सख्त निर्देश दिया गया है।’’ कैबिनेट ने इस पर गौर किया कि 15वें वित्त आयोग ने त्रिपुरा सहित कुछ राज्यों के वेतन, पेंशन और ब्याज दरों के संदर्भ में प्रति व्यक्ति व्यय पर चिंता व्यक्त की थी।

अब से कोई भी मेला, प्रदर्शनी और सार्वजनिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति लेने की आवश्यकता होगी। इसमें कहा गया, ‘‘आर्थिक स्थिति में सुधार होने तक किसी भी सरकारी निधि का इस्तेमाल भूमि अधिग्रहण के लिए नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार इनकी खरीद के लिए ई-बाजारों पर निर्भर रहेगी।’’ अतिरिक्त उपायों के तौर पर सरकारी कार्यालयों में एसी का उपयोग राज्य अर्थव्यवस्था बोर्ड से अनुमति के बाद ही किया जाएगा। 

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