कोरोना का कहर: बिहार में चारे के अभाव में मर गईं दर्जन गायें, सरकार भी नहीं सुन रही है गुहार
By एस पी सिन्हा | Published: May 9, 2020 06:05 PM2020-05-09T18:05:17+5:302020-05-09T18:05:17+5:30
गौशाला में रहने वाली तकरीबन 80 गाय और भैंस को चारे की कमी के कारण कई कई दिनों तक भूखे रहना पड़ रहा है.
पटना:बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में चारे के अभाव में करीब दर्जन गायें मरने की बात बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि यहां रह रही गायों के लिए चारे की घोर कमी हो गई है. ऐसे में यहां रह रही गायें भूख के कारण असमय काल के गाल में समा रही हैं. कहा जा रहा है कि गौशाला में रहने वाली तकरीबन 80 गाय और भैंस को चारे की कमी के कारण कई कई दिनों तक भूखे रहना पड़ रहा है.
बताया जा रहा है कि यहां लगभग 80 गायें रहती हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण बाजार बंद है जिसकी वजह से गायों की खाने पीने में काफी दिक्कत हो रही है जो कई अन्य गाय मरने की कागार पर है. अगर ऐसे ही स्थिति बनी रही तो शायद आने वाले दिनों में और गायों की मौत हो जाएगी. कई गायें मरणासन्न स्थिति में हैं.
गौशाला के कर्मचारियों ने बताया कि पशुपालन विभाग की अनदेखी के कारण गौशाला में एक बार भी चारा का इंतजाम नहींं करवाया गया. जिसकी वजह से बडी संख्या में गायों को कई कई दिनों तक भूखा रहना पड़ा. कर्मचारियों के अनुसार कोरोनाबंदी के दौरान तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा गायें मर गईं हैं.
वहीं कुछ गायें अब मरणासन्न स्थिति में हैं. वहीं, श्रीकृष्ण गौशाला के सचिव ने बताया कि गायों की खाने पीने की व्यावस्था के लिए गांव गांव में चंदा मांगा गया, जो डेढ़ महीने से चल रहा था. लेकिन अब गायों को खिला पाना काफी मुश्किल है.
ऐसे में उन्होंने कहा कि यह तो पहले से ही बुढी या मरीज गायें आती हैं और उपर से उन्हें खिलाने के लिए हमारे पास कुछ भी नहीं बचा है. जिसकी वजह से कई गायें मरने की कागार पर हैं. इतना ही नहीं बल्की कई मंत्रियो से गायों के लिए सरकार की तरफ से मदद मांगी गई, लेकिन कोई इस बात पर ध्यान नहीं दे रहा है.
उन्होंने बताया कि जहानाबाद के कृष्णा गौशाला में लगभग 80 गाय रहती हैं. लेकिन इसमे से लॉकडाउन में सिर्फ दर्जन भर गायों की मौत हो गई. अब 50 गायों पर भूख से मरने की खतरा मंडरा रहा है. लेकिन सरकार इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है. सचिव ने बताया कि जहां गाय की पूजा होती है, वहा अब गायों के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं है. ऐसे में गाय मरने के लिए तैयार है. अगर अब भी सरकारी स्तर पर मदद नहींं पहुंचती है तो तकरीबन एक दर्जन गाय भूख से दम तोड़ देगी.