कोरोना संकट: मालगाड़ी से सामानों को चढ़ाने-उतारने में अनुचित देरी करने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाएगा रेलवे

By भाषा | Updated: April 26, 2020 19:10 IST2020-04-26T19:10:04+5:302020-04-26T19:10:04+5:30

विलंब शुल्क रेलगाड़ी पर लादकर माल मंगाने वाले ग्राहकों पर निर्धारित समय के बाद भी किसी रेल वाहन को रोके रखने के लिए लगाया जाता है जबकि घाट शुल्क निर्धारित समय की अवधि खत्म होने के बाद रेल परिसर से सामान नहीं हटाने पर लगाया जाता है।

Corona Crisis: Railways to impose fines on customers for improper delay in loading and unloading goods | कोरोना संकट: मालगाड़ी से सामानों को चढ़ाने-उतारने में अनुचित देरी करने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाएगा रेलवे

कोरोना संकट: मालगाड़ी से सामानों को चढ़ाने-उतारने में अनुचित देरी करने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाएगा रेलवे

Highlightsइसमें कहा गया कि यह तय किया गया है कि जहां किसी खास माल शेड में सामान उतारने या चढ़ाने में ‘अनुचित देरी’ हो रही है आदेश में कहा गया कि चूक करने वालों को शुल्क वसूलने से पहले 24 घंटे का नोटिस दिया जाएगा। 

नयी दिल्ली: रेलवे ने अपने उन ग्राहकों पर जुर्माना लगाने का फैसला किया है जो अपना सामान मालगाड़ियों से उतारने या उनमें चढ़ाने में “अनुचित देरी” कर रहे हैं। रेलवे ने यह फैसला इसलिए किया है कि क्योंकि लॉकडाउन के दौरान उसे देश भर में अत्यावश्यक सामान पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक रेल डिब्बों की जरूरत है। रेलवे ने इससे पहले बंद के दौरान इस तरह की देरी के लिए दो तरह के शुल्क - विलंब शुल्क और घाट शुल्क को माफ कर दिया था।

विलंब शुल्क रेलगाड़ी पर लादकर माल मंगाने वाले ग्राहकों पर निर्धारित समय के बाद भी किसी रेल वाहन को रोके रखने के लिए लगाया जाता है जबकि घाट शुल्क निर्धारित समय की अवधि खत्म होने के बाद रेल परिसर से सामान नहीं हटाने पर लगाया जाता है। एक अधिकारी ने कहा, “समस्या यह है कि ये शुल्क नहीं वसूलने से ग्राहकों को सामान उतारने की कोई जल्दबाजी नहीं रहती क्योंकि उन्हें सामान्य समय की तुलना में अभी पैसों का कोई नुकसान नहीं होता। इसलिए अगर वे हमारे डिब्बों को जल्द खाली नहीं करते हैं, तो हमारे पास उनपर ये शुल्क लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।”

उन्होंने कहा, “इस संकट के दौरान आवश्यक सामग्रियों के परिवहन के लिए इन रेलगाड़ियों की जरूरत है।” सूत्रों का कहना है कि सीमेंट और इस्पात के ग्राहक इस मामले में बड़े अपराधी हैं, जो श्रमबल उपलब्ध नहीं होने या वैश्विक महामारी के चलते इन सामग्रियों की मांग में आई गिरावट का हवाला देकर सामान चढ़ाने और उतारने दोनों में देरी करते हैं। रेलवे बोर्ड की ओर से शनिवार को जारी आदेश में कहा गया,“रेलवे को आवश्यक सेवाओं के प्रभावी परिवहन को जारी रखना जरूरी है, इसलिए यह अहम है कि उचित समय में सामान उतारा या चढ़ाया जाए और रेल वाहन को अगली ढुलाई के लिए उपलब्ध कराया जाए, समय में दी जाने वाली छूट और जुर्माना शुल्क संबंधी दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई है।”

इसमें कहा गया कि यह तय किया गया है कि जहां किसी खास माल शेड में सामान उतारने या चढ़ाने में ‘अनुचित देरी’ हो रही है और इससे अगला सामान चढ़ाने में दिक्कत आ रही होगी तो संबंधित अधिकारी को प्राकृतिक आपदा संबंधी शर्त हटाने की अनुमति होगी और वह ग्राहक को 18 घंटे का समय देगा जिसके बाद उनसे पहले की ही तरह शुल्क वसूला जाएगा। हालांकि, आदेश में कहा गया कि चूक करने वालों को शुल्क वसूलने से पहले 24 घंटे का नोटिस दिया जाएगा। 

Web Title: Corona Crisis: Railways to impose fines on customers for improper delay in loading and unloading goods

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे