बिहार में लगातार बढ़ता जा रहा है कोरोना का कहर, चोरी-छिपे अन्य जगहों से आए लोग बन रहे हैं कोरोना के वाहक, अबतक कुल 422 मामले
By एस पी सिन्हा | Published: April 30, 2020 08:33 PM2020-04-30T20:33:01+5:302020-04-30T20:33:01+5:30
देश के हॉटस्पॉट इलाकों से छुपकर पटना आए दो परिवारों को बुधवार को पकड़कर क्वारंटाइन किया गया. एक परिवार महाराष्ट्र के दादर से और दूसरा नोएडा से आया था. दोनों परिवारों ने प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी थी. लॉकडाउन तोड़कर आने वालों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल की टॉवर लोकेशन से हुई.
पटना: बिहार में गुरुवार शाम सात बजे तक 19 पॉजिटिव कोरोना के नए मामले सामने आने के साथ ही प्रदेश में इससे संक्रमित लोगों की संख्या संख्या बढ़कर 422 पर पहुंच गई है. तीसरी सूची में राजधानी पटना के दो मोहल्लों में पॉजिटिव मरीज मिले हैं. पटना के मीठापुर और फाइनेंस कॉलनी में कोरोना के नए मरीज मिले हैं. इस तरह से पटना के 14 इलाकों में कोरोना ने अपना पांव पसार दिया है. पटना जिले में अब तक 42 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आज जो पहली सूची जारी की गई थी उसमें चार पॉजिटिव मरीज मिले थे. उसके बाद दूसरी सूची 2 लोगों की थी और अब तीसरी सूची में 13 पॉजिटिव मरीज मिले हैं. इस तरह आज अबतक कुल 19 नए मरीज मिले हैं. आज की पहली जांच रिपोर्ट में पॉजिटिव मिले मरीज सीतामढ़ी जिले के हैं. दूसरी रिपोर्ट में मिले दो मरीज रोहतास के हैं. जबकि तीसरी रिपोर्ट में सर्वाधिक नौ मरीज रोहतास के तो अन्य दो-दो मरीज पटना व सारण के हैं. इसके पहले बुधवार को कोरोना संक्रमण के 37 नए मामले सामने आए थे. राज्य के कुल 38 में से 29 जिलों में अबतक कोरोना ने पैर पसार लिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि रोहतास में एक पुरुष और एक महिला के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. बिहार के कुल 38 जिलों में से 29 जिलों में कोविड-19 के मामले सामने आये हैं. बिहार में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 92 मामले मुंगेर में आये हैं, जबकि पटना में 42, बक्सर में 40, रोहतास में 36, नालंदा में 35, सीवान में 30, गोपालगंज एवं कैमूर में 18-18, बेगूसराय एवं भोजपुर में 11-11, औरंगाबाद में आठ, गया एवं सीतामढी में छह-छह, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, पश्चिम चंपारण एवं दरभंगा में पांच-पांच सामने आये हैं. शेष मामले अरवल, नवादा, लखीसराय, सारण, जहानाबाद, वैशाली, मधेपुरा आदि जिलों में आये हैं. बिहार में अब तक 65 मरीज ठीक हो चुके हैं.
इससबीच पटना कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है पटना में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 42 हो गई है. इस बीच पटना के लिए एक और बुरी खबर है. देश के कोरोना हॉटस्पॉट बने जगहों से 126 लोग चुपके में पटना में एंट्री कर गए हैं. हॉटस्पॉट शहरों से कई लोग छुपकर बिहार आ गए हैं. इसका खुलासा तब हुआ, जब मोबाइल कंपनियों ने अपनी रिपोर्ट बिहार सरकार को दी. टावर लोकेशन बदलते ही संदिग्ध ट्रेस हो गए हैं. बिहार आए ऐसे 1892 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग के पास है. प्रशासन एक-एक लोगों की तलाश में जुटा है. सूचनाएं लीक न हो और बाहर से आए लोगों को समय रहते ट्रेस कर क्वारंटाइन किया जाए, इसके लिए टीम खुफिया तौर पर काम कर रही है. सटीक जानकारी मिलते ही पुलिस के साथ छापेमारी कर स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों को क्वारंटाइन सेंटर भेज रहे हैं. बुधवार को पटना में ऐसे ही दो लोगों को पकडा गया. इसमें एक महाराष्ट्र के दादर और दूसरा नोएडा से आया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सूचना मिलते ही दोनों परिवारों को क्वारंटाइन कर नमूना जांच के लिए भेजा गया है. प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह लोगों को ट्रेस किया जा रहा है, जो सूची बिहार सरकार को मिली है, उसमें देश के कई हॉट स्पॉट इलाके हैं. इसमें दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज का इलाका, गुजरात का सूरत, अहमदाबाद, बडोदरा, राजस्थान का जोधपुर, जयपुर, यूपी का गौतम बुद्ध नगर, महाराष्ट्र का थाणे, पुणे, हरियाणा का गुरुग्राम व पश्चिम बंगाल का कोलकाता शहर शामिल है. स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से जानकारी जुटाने में लगा है.
देश के हॉटस्पॉट इलाकों से छुपकर पटना आए दो परिवारों को बुधवार को पकड़कर क्वारंटाइन किया गया. एक परिवार महाराष्ट्र के दादर से और दूसरा नोएडा से आया था. दोनों परिवारों ने प्रशासन को कोई जानकारी नहीं दी थी. लॉकडाउन तोड़कर आने वालों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल की टॉवर लोकेशन से हुई. मोबाइल कंपनियों से जानकारी होते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस के साथ पहुंच गई और जांच की प्रक्रिया में जुट गई. यह पहला मामला नहीं है, मोबाइल लोकेशन से आएदिन दूसरे राज्यों से छुपकर आए लोगों को पकड़ा जा रहा है. मार्च माह में दिल्ली से पटना की न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी में आया छात्र भी मोबाइल लोकेशन से ही पकड़ में आया था. वह 20 मार्च के पहले ही राजधानी एक्सप्रेस से पटना आ गया था और प्रशासन को भनक तक नहीं थी. आरोग्य सेतु एप के जरिए इस बात की पता चल पाया था और टेस्ट होने के बाद इस शख्स को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. दिल्ली में जामातियों का मामला उजागर होने के बाद सरकार गंभीर हुई और सख्ती बढ़ाई गई. इसी क्रम में गोपनीय तरीके से लोगों की पडताल शुरू हुई, जिसमें मोबाइल कंपनियों की मदद ली गई. स्वास्थ्य विभाग से जुडे अधिकारियों का कहना है कि देश के संवेदनशील शहरों पर पैनी नजर रखी गई और हॉट स्पॉट एरिया से कोई अन्य प्रदेश में नहीं जाए इसे लेकर मोबाइल कंपनियों से सहयोग मांगा गया था. लॉक डाउन के बाद हॉट स्पॉट शहरों से जिन लोगों का मोबाइल लोकेशन प्रदेश से बाहर मिला उनकी जानकारी जुटाई गई.