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महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मदद के मानदंड पर विवाद, कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

By भाषा | Updated: August 10, 2019 05:27 IST

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में आई बाढ़ के मद्देनजर भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा बाढ़ राहत के लिए बनाए गए नये मानदंड़ से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है।

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ठळक मुद्देसात अगस्त को जारी एक अन्य आदेश में कहा गया है कि जो क्षेत्र बाढ़ के पानी में दो दिन से अधिक समय तक डूबा रहा हैकांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘क्या बाढ़ प्रभावित लोगों को 10 किलो चावल और गेहूं के लिए दो दिनों तक पानी में रहना चाहिए ।’’

महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में आई बाढ़ के मद्देनजर भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा बाढ़ राहत के लिए बनाए गए नये मानदंड़ से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। इसके तहत केवल वही लोग आर्थिक और खाद्य सहायता पाने के पात्र होंगे जिनके क्षेत्र दो दिन से अधिक तक पानी में डूबे हुए हों। इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार को बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के मानदंडों पर दो सरकारी आदेशों को ‘क्रूर मजाक’ करार दिया ।

कांग्रेस ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस सरकार में अगर थोडी भी संवेदनशीलता बची है तो उसे यह आदेश रद्द कर देना चाहिए । गुरूवार आठ अगस्त को जारी सरकारी आदेश में कहा गया है कि जो इलाका दो दिन से अधिक समय तक पानी में डूबा रहा है और घर पूरी तरह बह गया है तो ऐसे मामलों में आर्थिक सहायता दी जाएगी । शहरी इलाकों में, प्रति परिवार सहायता राशि कपड़ों के लिए साढे़ सात हजार रुपये होगी और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में कपड़ों के लिए पांच हजार और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी ।

सात अगस्त को जारी एक अन्य आदेश में कहा गया है कि जो क्षेत्र बाढ़ के पानी में दो दिन से अधिक समय तक डूबा रहा है उन इलाकों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को दस किलो चावल और दस किलो आटा दिया जाएगा । इन सरकारी आदेशों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने कहा कि राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता देने के लिए जो मानदंड तय किये हैं वह एक ‘‘क्रूर मजाक’’ है। कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘क्या बाढ़ प्रभावित लोगों को 10 किलो चावल और गेहूं के लिए दो दिनों तक पानी में रहना चाहिए ।’’

थोराट ने कहा कि अगर सरकार में थोड़ी भी संवेदनशीलता बची है तो उसे इन दोनों आदेशों को तुरंत रद्द कर देना चाहिए । कांग्रेस प्रचार समिति के प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि जब फडणवीस ‘‘महा जनादेश यात्रा’’ में व्यस्त थे तब कांग्रेस ने बारिश की स्थिति की गंभीरता को उसके ध्यान में लाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘अगर फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से अलमाटी बांध से पानी छोड़ने के बारे में समय पर कहा होता तो स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती ।’’ भाषा रंजन नरेश पवनेश पवनेश

टॅग्स :कांग्रेसमहाराष्ट्र
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