गणतंत्र दिवस परेड में महाराष्ट्र की झांकी शामिल नहीं करने पर हुआ विवाद, जानें संजय राउत व सुप्रिया सुले ने क्या कहा!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 3, 2020 08:40 AM2020-01-03T08:40:23+5:302020-01-03T08:43:59+5:30
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) व शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र पर "दुर्भावनापूर्ण इरादे" से कार्य करने का आरोप लगाया है।
केंद्र सरकार ने इस साल 26 जनवरी को दिल्ली स्थित इंडिया गेट पर होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए महाराष्ट्र की झांकी का चयन नहीं किया है। महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने चार विषयों पर परेड में झांकी निकालने का सुझाव दिया था, लेकिन उनमें से कोई भी केंद्र द्वारा चयनित नहीं किया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के नेताओं ने केंद्र के इस रवैये पर "दुर्भावनापूर्ण इरादे" से कार्य करने का आरोप लगाया है।
बारामती के सांसद सुप्रिया सुले ने फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है और मांग की है कि इस पर पुनर्विचार किया जाए। इस बीच, शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि यह राज्य का अपमान है।
राकंपा नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट करके कहा, "केंद्र ने गणतंत्र दिवस पर होने वाले इंडिया गेट परेड में महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को अनुमति नहीं दी है। यह देश का त्योहार है और केंद्र से सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देने की उम्मीद होती है। लेकिन सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रही है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को यह सौतेला व्यवहार हो रहा है। ”
एक दूसरे ट्वीट में भी सुले केंद्र के इस रवैये के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए महाराष्ट्र की झांकी का चयन केंद्र द्वारा योग्यता के आधार पर नहीं किया गया। परेड में भाग लेना राजनीतिक नहीं बल्कि महाराष्ट्र के लिए गौरव का विषय है। केंद्र को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि महाराष्ट्र ने अपनी झांकी के लिए कई बार पुरस्कार जीते हैं। ”
वहीं, संजय राउत ने एक ट्वीट के माध्यम से कहा,“गणतंत्र दिवस परेड के दौरान महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से झांकी नहीं देखी जाएगी। क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है? हम असली देशभक्त हैं, क्या यह अपराध है? ”
इसके साथ ही संजय राउत ने कहा, “यह एक तरह से महाराष्ट्र के लिए अपमान है क्योंकि हमारी झांकी परेड के दौरान हमेशा आकर्षण का केंद्र रही है। हमने कई बार प्रथम पुरस्कार भी जीता है। महाराष्ट्र की ओर से केंद्र क्या साबित करने की कोशिश कर रहा है? अगर कांग्रेस के शासन के दौरान ऐसा होता, तो राज्य भाजपा इकाई ने हंगामा खड़ा किया होता।”
राज्य सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने झांकी के लिए चार विषयों का सुझाव दिया है जिसमें शामिल विषय कुछ इस तरह हैं - 175 साल का मराठी मंच; मराठा नौसेना के पहले उल्लेखनीय प्रमुख कान्होजी आंग्रे की 350 वीं जयंती, महाराष्ट्र के पारंपरिक पहनावा की झांकी और गीत रामायण के शताब्दी वर्ष की कहानी है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने इनमें से किसी भी विषय को झांकी के लिए उचित नहीं समझा है।
एचटी की मानें तो राज्य सांस्कृतिक विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'हमें फैसले के बारे में अभी जानकारी नहीं है।' यह पहली बार नहीं है जब राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड के लिए नहीं चुना गया। यह 2016, 2013, 2008 और 2005 में भी चयनित नहीं किया गया था।
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने संवाददाताओं से कहा कि सुले को इस तरह के विषयों को राजनीति में नहीं लाना चाहिए।