CJI दीपक मिश्रा को बताया 'आतंकवादी', पहले CJI को सुनाई थी 5 साल की 'सजा', विवादित रहा है सीएस कर्णन का इतिहास

By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 5, 2018 09:01 AM2018-09-05T09:01:13+5:302018-09-05T09:01:13+5:30

जस्टिस कर्णन को पहले न्यायालय की अवमानना में दोषी करार देते हुए जेल भेजा जा चुका है।

Controversy King Justice Karnan plead his case in ICJ, already passed 'judicial order against 8 judges' | CJI दीपक मिश्रा को बताया 'आतंकवादी', पहले CJI को सुनाई थी 5 साल की 'सजा', विवादित रहा है सीएस कर्णन का इतिहास

जस्टिस कर्णन की फाइल फोटो

नई दिल्ली, 4 सितंबरः कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कर्णन (रिटायर्ड) ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक लेटर लिखकर फिर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने लिखा है, 'मैं 8 दोषी/आरोपी/असामाजिक तत्व/आतंकी जजों के खिलाफ पूर्व में जज रहने के दौरान आदेश पास कर चुका हूं। लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं गई। इन आठ जजों में पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस खेहर, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा, पूर्व जस्टिस चेम्लेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लुकुर, जस्टिस पीसी घोष जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस आर भानुमति हैं।' इन पर उन्होंने दलित उत्पीड़न से लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यह पहला मौका नहीं है, जब जस्टिस कर्णन अपने किसी काम के लिए सुर्खियों में हैं। वह जजों पर आरोप को लेकर अदालत की अवमानना में जेल भी काट चुके हैं।

पीएम मोदी को पत्र लिखकर 20 जजों को बताया भ्रष्टाचारी

उल्लेखनीय है कि पहले ही जस्टिस कर्णन को न्यायालय की अवमानना में दोषी करार दिया जा चुका है। तब उन्होंने 20 वर्तमान जजों को भ्रष्टाचारी बताया था। उन्होंने इन जजों को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और उनसे मामले की जांच कराने को कहा था।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने 9 मई, 2017 को एक आदेश पास किया था। इसमें जस्टिस कर्णन को न्यायालय की अवमानना में दोषी करार देते हुए उन्हें जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके बाद 12 वकीलों ने उनका मुकदमा लड़ने से इंकार कर दिया था। बाद में वरिष्ठ एडवोकेट मथ्यू जे नेदूमपारा सुप्रीम कोर्ट में उनकी सजा के आदेश को वापस लेने के लिए उनका मुकदमा लड़ने को तैयार हुए थे।

चीफ जस्‍स्टिस ऑफ इंडिया को सुनाई 5 साल जेल की सजा

भारतीय न्यायालय के इतिहास में यह इकलौती घटना थी, जब किसी हाईकोर्ट के जज ने सीजेआई को सजा सुना दी हो। ऐसा कलकत्‍ता हाई कोर्ट के जस्टिस कर्णन ने खुद के दलित होने पर अपना उत्पीड़न किए जाने के आरोप में सीजेआई को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। यह मामला मई 2017 का है। जब जस्टिस कर्णन ने तत्कालीन सीजेआई जस्टिस खेहर समेत पांच जजों को पांच साल की जेल की सजा सुनाई थी। उन्होंने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दलित उत्पीड़न का दोषी पाया था।

अदालत की अवमानना में हाईकोर्ट के जज जस्टिस कर्णन गए जेल

सुप्रीम कोर्ट के जजों को सजा सुनाने और पीएम को पत्र लिखकर उन्हें भ्रष्टाचारी बताने के मामले में जस्टिस कर्णन को न्यायालय की अवमानना का दोषी पाया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। छह महीने जेल में रहने के  बाद वह रिहा हुए थे।

सुप्रीम कोर्ट के जजों के दलित उत्पीड़न कहने पर अभी भी टिके

हाल ही में अंग्रेजी चैनल वीऑन के इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वह आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट बिना शर्त माफी मांग लेंगे। इस पर उनका जवाब था, नो नो नो नो। वे सभी कोर्ट की अवमानना करने वाले हैं। मैंने कल ही उनके खिलाफ एक आदेश पास किया है। इसमें वे सभी सात जज अवमानना के दोषी हैं। वे सभी सात जज एससी / एसटी अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत आरोपी हैं। लेकिन रजिस्ट्रार जनरल अब कोई प्रशासनिक कार्रवाई या न्यायिक कार्रवाई नहीं की है। क्योंकि वे सभी इस अधि‌नियम के तहत आरोपी हैं।

पार्टी बनाकर लोकसभा चुनाव में 543 सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

छह महीने सजा काटने के बाद रिहा होने पर जस्टिस कर्णन ने आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी पार्टी के साथ कूदने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा था कि एंटी करप्‍शन डायनमिक पार्टी का गठन करेंगे और चुनाव लड़ेंगे।

भारत की उच्चतम न्यायालय को बताया असमर्थ

रजिस्ट्रार जनरल को लिखे अपने पत्र में उन्होंने भारतीय सुप्रीम कोर्ट को अपने मामले के निपटारे में असमर्थ बताया। उन्होंने कहा, 'अब मैं इस मामले को चर्चा में लाने लिए जरूरी और तेजी से कदम उठाने उठाने जा रहा हूं। मैं जल्द ही मामले में राहत के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का रुख करने वाला हूं। क्योंकि अभी तक मुझे भारत में अपने मामले का निपटारा होते नहीं दिखाई दे रहा। भारत इस मामले पर सुझलाने की क्षमता नहीं रखता।'

राम जेठमलानी ने कहा था ल्यूनिटिक

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के मामले में जस्टिस कर्णन को सभी तरफ से बैकलेश (प्रतिक्रिया) पा चुके हैं। वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने उन्हें उनके इस कदम के लिए ल्यूनिटिक (पागल) कहा था, जिन्हें अपने भाग्य को प्राप्त करना चाहिए। पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस कर्णन के खिलाफ न्यायालय की अवमानना लाने की याचना की थी।

Web Title: Controversy King Justice Karnan plead his case in ICJ, already passed 'judicial order against 8 judges'

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