नई दिल्ली, 4 जुलाई: विवादित इस्लाम उपदेश देकर हमेशा चर्चा में रहने वाले जाकिर नाइक ने आज भारत आने की खबर का साफतौर पर खंडन कर दिया है। खबरों के मुताबिक उन्होंने कहा है कि उनका भारत आने का कोई प्लान नहीं है। वहीं NIA ने भी जाकिर नाइक की गिरफ्तारी के बात से इनकार किया है। भारत सरकार ने 2017 में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया था।
जाकिर ने कहा, जब तक निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी या न्यायप्रिय सरकार नहीं आएगी तब तक वह भारत नहीं आएंगे। इसके अलावा नाइक ने कहा कि जब मुझे लगेगा कि भारत में निष्पक्ष सरकार है वह तभी भारत वापस आएगा। एनआईए के डीजी ने भी इंडिया टूडे को बताया कि जाकिर नाइक के भारत आने की खबरें निराधार हैं।
बता दें कि खबर थी मेलशिया सरकार ने इस बात की सूचना भारत सरकार को दी है कि जाकिर नाइक पर 4 जुलाई को भारत जाएंगे। भारत सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का नाइक पर आरोप लगाया है। मलेशिया सरकार के मुताबिक वह जाकिर नाइक को एक प्राइवेट प्लेन में लेकर आएगी। भारत सरकार ने 2017 में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया था। जाकिर नाइक को फिलहाल मलेशिया की नागरिकता मिली हुई है।
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नाइक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 और 505 (2) के तहत आरोप लगाए गए हैं। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली थी तो वो 1 जुलाई, 2016 को वह भारत से भाग गया था। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।
जाकिर नाइक ने हाल ही में धर्म परिवर्तन को लेकर एक वीडियो जारी किया था। जिसमें उसने सलाह दी है कि किस तरह से गैर मुसलमानों को इस्लाम धर्म कुबूल करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। नाइक ने अपना प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए ब्रिटेन में कई कंपनियां भी खड़ी की हुई हैं।
बता दें कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। सरकार का आरोप था कि जाकिर अपने टीवी चैनल के माध्यम से युवाओं को गलत रास्ता दिखा रही है। उन्हें धार्मिक रुप से कट्टर बनाने की कोशिश कर रही है। एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि उसके भाषणों के प्रभाव से केरल के 24 युवा इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए अफगानिस्तान तक चले गए थे।
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