90 करोड़ देकर 2000 करोड़ रुपये की एजेएल कंपनी को हड़पने की साजिश?, ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी पर लगाए गंभीर आरोप

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 2, 2025 22:11 IST2025-07-02T22:10:04+5:302025-07-02T22:11:12+5:30

ईडी ने गांधी परिवार, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर एजेएल से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण पर साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है।

Conspiracy grab AJL company worth Rs 2000 crore paying Rs 90 crore ED makes serious allegations against Sonia and Rahul Gandhi | 90 करोड़ देकर 2000 करोड़ रुपये की एजेएल कंपनी को हड़पने की साजिश?, ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी पर लगाए गंभीर आरोप

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Highlightsबावजूद अपने दैनिक कामकाज को संभालना मुश्किल हो रहा था।2,000 करोड़ रुपये की कंपनी को अपने कब्जे में लेना चाहते थे। बैंकों की तरह एजेएल के ऋण को माफ कर सकती है।

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी 2,000 करोड़ रुपये की कंपनी ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की संपत्ति हड़पना चाहते थे। यह कंपनी नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने नेशनल हेराल्ड मामले में संज्ञान के बिंदुओं पर दलीलें सुन रहे थे। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस वी राजू ने कहा कि ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी बनाने की साजिश रची गयी थी, ताकि एजेएल की संपत्ति हड़पी जा सके।

एजेएल ने करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) से 90 करोड़ रुपये कर्ज लिये थे। यंग इंडियन में सोनिया और राहुल के पास 76 प्रतिशत शेयर थे। राजू ने साजिश का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा, ‘‘एजेएल मुनाफा नहीं कमा रही थी, लेकिन उसके पास 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति थी।

इसके बावजूद उसे अपने दैनिक कामकाज को संभालना मुश्किल हो रहा था।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘साजिश 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए यंग इंडियन का निर्माण करना था। सोनिया और राहुल गांधी इस 2,000 करोड़ रुपये की कंपनी को अपने कब्जे में लेना चाहते थे।’’

राजू ने कहा कि यंग इंडियन के निदेशक के रूप में राहुल की नियुक्ति के छह दिनों के भीतर ही इसने एजेएल को ऋण चुकाने या इसे इक्विटी में बदलने के लिए एक प्रतिवेदन भेजा। न्यायाधीश गोगने ने राजू से पूछा कि क्या एआईसीसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तरह एजेएल के ऋण को माफ कर सकती है।

एएसजी ने कहा कि इस मामले में एजेएल के पास 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति थी, जिसे उन्होंने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले दे दिया। न्यायाधीश ने राजू से फिर पूछा कि क्या राजनीतिक दलों के लिए अखबार का स्वामित्व रखना अजीब बात है। राजू ने कहा, ‘‘राजनीतिक दल समाचार पत्र और चैनल खरीदते हैं।

मुख्य सवाल यह है कि वे मूंगफली के दाम में संपत्ति कैसे हासिल कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि एजेएल का अधिग्रहण यंग इंडियन ने किया था, जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास थे। उन्होंने कहा, ‘‘बाएं हाथ से लेना और दाएं हाथ से देना। शेयरों की खरीद और बिक्री, सभी फर्जी लेन-देन।’’

सुनवाई तीन जुलाई को जारी रहेगी। ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा-तीन (धनशोधन) और चार (धनशोधन के लिए दंड) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

ईडी ने गांधी परिवार, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर एजेएल से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण पर साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है। आरोप पत्र में सोनिया एवं राहुल, दुबे, पित्रोदा, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड का नाम है। 

Web Title: Conspiracy grab AJL company worth Rs 2000 crore paying Rs 90 crore ED makes serious allegations against Sonia and Rahul Gandhi

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