बीफ को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमा गई है। केरल के कझीकोड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लोगों में बीफ करी और रोटी वितरत की है। कांग्रेस का आरोप है कि केरल में पुलिस प्रशिक्षुओं की थाली से बीफ हटा दिया गया है। केरल कांग्रेस ने इसके पीछे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के संघ की ओर बढ़ते झुकाव को कारण बताया है।
दरअसल खबरें आ रहीं थी कि केरल के पुलिस विभाग में प्रशिक्षण ले रहे ट्रेनी पुलिसकर्मियों के खाने के मेन्यू से बीफ हटा दिया गया है। इस खबर के सामने आते ही कांग्रेस ने इसका विरोध किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कोझिकोड के मुक्कम पुलिस स्टेशन के बाहर बीफ करी और रोटी बांट कर विरोध प्रदर्शन किया। बीफ करी और रोटी बांटने के अभियान की शुरुआत केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के महासचिव वकील के प्रवीण कुमार ने की।
प्रवीण कुमार ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के संघ की ओर झुकाव के कारण पुलिस प्रशिक्षुओं के मेन्यू से बीफ को हटाया गया है। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद विजनय ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इसके बाद भाजपा के साथ समझ-बूझ बनाकर लोकनाथ बहेरा को पुलिस महानिदेशक बनाया गया। गुजरात दंगा मामले में लोकनाथ बहेरा ने पीएम मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट दी थी। अब बोहरा संघ के एजेंडे को लागू कर रहे हैं। कांग्रेस विजयन के दोहरे रुख को पूरे राज्य के सामने एक्सपोज करेगी।
यह भी बता दें कि इस हफ्ते के शुरुआत में केरल पुलिस विभाग ने नए प्रशिक्षित पुलिस बैच के लिए निर्धारित मेन्यू से बीफ हटाने की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था। केरल पुलिस की यह सफाई तब आई, जब मेन्यू से बीफ हटाने की खबरें मीडिया में आई थी। केरल पुलिस ने कहा था कि मेस कमेटी के फैसले के मुताबिक उन्हें निर्देश दिया गया था कि वे अपने-अपने इलाकों में उपलब्ध भोजन के साथ स्वस्थ खाना तैयार करें। इसका उद्देश्य प्रशिक्षुओं को भोजन के माध्यम से जरूरी ऊर्जा देना है। इस कमेटी में प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
इससे पहले भी केरल यूथ कांग्रेस के नेता सार्वजनिक रूप से गाय काटने को लेकर विवाद में आ चुके हैं। साल 2017 में एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केरल यूथ कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता-नेता सरेआम गाय काटते हुए दिख रहे हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लोगों के सामने गाय काटी थी। यह मामला इतना बढ़ गया था कि इसे लेकर न सिर्फ मामला दर्ज हुआ था, बल्कि राहुल गांधी को भी सफाई देनी पड़ी थी।