नई दिल्ली, 6 सितंबर:सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को धारा-377 को लेकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है। इस फैसले के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने लिखा 'नफरत करने वालों को नफरत करने दें, उन्हें छोड़ आगे बढ़ें। उन्होंने आगे लिखा 'हम सुप्रीम कोर्ट से प्रगतिशील और निर्णायक फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह एक समान और समावेशी समाज की शुरुआत है।
इस ट्वीट के तुरंत बाद ही लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने लिखा कि बीते 60 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी आपने इसे पास नहीं किया था।
वहीं, किसी ने लिखा कि यह ऐतिहासिक फैसला उसी सीजेआई ने दिया है जिसके खिलाफ आप महाभियोग लाए थे।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच जजों के संविधान पीठ ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने धारा-377 को अतार्किक और मनमानी बताते हुए कहा है कि समलैंगिकता अपराध नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा है कि धारा-377 पर सभी जजों की सहमति से फैसला लिया गया है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये भी कहा है की एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) को भी समानता का अधिकार है। धारा-377 समता के अधिकार अनुच्छेद-144 का हनन है। निजता और अंतरंगता निजी पंसद है। यौन प्राथमिकता जैविक और प्राकृतिक है। सहमति से समलैंगिक संबंध समनाता का अधिकार है।